ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दौरान कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आर्थिक मुद्दों पर मशहद में गुरुवार को प्रदर्शन शुरू हुआ और यह कई शहरों तक फैल गया। सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस में प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ पुलिस के जवान भी मारे गए हैं। सरकारी टीवी के मुताबिक, हथियारों से लैस कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने और सैन्य ठिकाने पर कब्जा करने की कोशिश की जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की।
खुफिया मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि "दंगेबाज और उकसाने वाले" की पहचान की गई है "और जल्द ही गंभीरता से निपटा जाएगा"।
ईरान ने रविवार को इंस्टाग्राम और एक्टिविस्ट द्वारा लोगों को एकजुट करने के लिए इस्तेमाल होने वाले लोकप्रिय मैसेजिंग एप टेलीग्राम तक पहुंच बाधित कर दी।
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की ओर से शांति की अपील की गई थी लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
इधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान सरकार द्वारा इंटरनेट पर रोक लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है। फैसले के बाद से ही ईरान में भारी प्रदर्शन जारी है।
ट्रंप ने रविवार शाम एक ट्वीट में कहा, आतंक को प्रायोजित करने वाला ईरान नंबर एक देश है और वहां हर घंटे मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है, उसने अब सोशल मीडिया पर भी रोक लगा दी है जिससे शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी दर्ज न किया जा सके। यह सही नहीं है।
वहीं, इजरायल के एक वरिष्ठ मंत्री मंत्री इस्राइल काट्ज ने ईरानी प्रदर्शनकारियों को सफल होने की शुभकामना देते हुए कहा कि उनका देश इसमें शामिल नहीं है लेकिन निश्चित रूप से वह खुद ईरान के लोगों की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के संघर्ष में सफल होने की शुभकामनाएं देते हैं।