पच्चीस अप्रैल के भूकंप के बाद नेपाल में लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं। शुक्रवार को मध्य नेपाल में दो हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप के इन झटकों का केंद्र काठमांडो के पूर्व में स्थित सिंधुपालचौक और दोलखा जिलों में था। नेशनल सिस्मोलॉजिकल सेंटर के अनुसार, शुक्रवार तड़के दो बजकर 19 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता चार थी और इसका केंद्र सिंधुपालचौक जिले में था। इसके बाद सुबह छह बजकर 17 मिनट पर एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता पांच थी।
इसका केंद्र दोलखा में था। हालांकि इन झटकों से किसी नुकसान की खबर नहीं है। पच्चीस अप्रैल के भूकंप के बाद लगभग 150 झटके आ चुके हैं, जिनकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता चार या उससे अधिक रही है। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप के कारण मरने वालों की संख्या अब तक 7,885 पहुंच चुकी है, जबकि घायलों की संख्या 16,390 तक जा चुकी है। सिंधुपालचौक जिला भूकंप के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां लगभग 3,000 लोग मारे गए हैं जबकि काठमांडो में 1,209 लोग मारे गए हैं।
इसी बीच यहां भारतीय दूतावास ने एक राष्ट्रीय दैनिक में आई उस मीडिया रिपोर्ट को कड़ाई से खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए गए राहत एवं बचाव अभियानों को नेपाली प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए अंजाम नहीं दिया गया। भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, सच्चाई यह है कि भारतीय सेना के विमान नेपाली सेना के साथ पूर्ण समन्वय और परामर्श करते हुए काम कर रहे हैं। हर विमान में नेपाली सेना का एक संपर्क अधिकारी साथ जाता है। उन्होंने कहा, भारतीय वायुसेना के सभी विमान नेपाली सेना के फैसले के अनुरूप उड़ान भरते हैं।
भारतीय वायुसेना और सेना का प्रमुख जिला अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ कोई सीधा संपर्क नहीं है। दूतावास ने कहा कि भारतीय हेलीकॉप्टर नेपाली सेना द्वारा सौंपी गई उस राहत सामग्री को भरकर ले जाते हैं, जो भारत समेत विभिन्न देशों द्वारा उपलब्ध कराई गई है। दूतावास ने कहा, इसलिए खबर में लगाया गया यह अनुमान पूरी तरह आधारहीन है कि भारतीय हेलीकॉप्टर नेपाली प्रशासन के साथ समन्वय किए बिना ही राहत सामग्री ले जा रहे हैं।