भारत के खिलाफ चीन का सरकारी मीडिया लगातार प्रलाप कर रहा है। आज फिर एक सरकारी अखबार ने कहा है कि अगर नई दिल्ली “क्षेत्रीय प्रभुत्व” को नहीं छोड़ता है तो बीजिंग “सिक्किम की आजादी” का समर्थन कर सकता है।
चीन का सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स लिखता है, "अतीत में चीन तिब्बत के सवाल पर भारत के दलाई लामा कार्ड से चिंतित था, लेकिन यह कार्ड अब उपयोगी नहीं है। लेकिन अगर बीजिंग भारत के साथ संवेदनशील मुद्दों पर फिर से सोचे, तो सिक्किम नई दिल्ली के खिलाफ एक मजबूत कार्ड हो सकता है।"
ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि अगर सिक्किम और भूटान भारत के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो चीन उनका समर्थन करेगा। अनुचित सीमा संधियों के खात्मे के लिए चीन उनकी पैरवी भी करेगा। अखबार के मुताबिक चीन का आरोप है कि नई दिल्ली ने भूटान पर दबाव बनाकर सीमा पर अनुचित समझौता किया है।
चीन के सरकारी मीडिया ने सिक्किम को उकसाने के मकसद से लिखे गए लेख में अपने नागरिकों से कहा है कि वे सिक्किम के लोगों में आजादी का आंदोलन और माहौल पैदा करें। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि बीजिंग को सिक्किम के रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए। हालांकि, चीन ने 2003 में सिक्किम को भारत के राज्य के रूप में मान्यता दी थी, लेकिन अब इस मामले पर अपना रुख बदल सकता है।
अखबार लिखता है कि सिक्किम में ऐसे लोग हैं जो अपने इतिहास को एक अलग राज्य के रूप में पसंद करते हैं। साथ ही चीन में भी सिक्किम के लोगों की आवाज को मजबूती देने के लिए जनसमर्थन है।