पाकिस्तान के निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने आज रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय के समीप आर्मी हॉकी स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में सेना की कमान जनरल बाजवा को सौंपी। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को बाजवा को चार सितारा जनरल के तौर पर पदोन्नत कर सैन्य प्रमुख नियुक्त किया था। समारोह के दौरान अपने अंतिम भाषण में 60 वर्षीय जनरल राहील ने कश्मीर पर आक्रामक रूख अपनाने के खिलाफ भारत को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में कश्मीर में भारत का बढ़ता आतंकवाद और आक्रामक रूख क्षेत्र को खतरे में डाल रहा है। राहील ने कहा कि भारत को यह पता होना चाहिए कि सहनशक्ति की हमारी नीति को हमारी कमजोरी समझना खतरनाक होगा। राहील ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह सेवा विस्तार नहीं लेंगे और निर्धारित तारीख को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। यह अटकलें थीं कि नवाज शरीफ सरकार अंतिम समय में उन्हें यह कहते हुए विस्तार देगी कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश को जनरल राहील की जरूरत है। बता दें कि पाकिस्तान में सैन्य प्रमुख काफी शक्तिशाली होता है।
सैन्यकर्मियों की संख्या के मामले में पाकिस्तान की सेना दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है। अपने संबोधन में राहील ने कहा, यह वास्तविकता है कि दक्षिण एशिया में कश्मीर मुद्दा हल होने तक दीर्घकालिक शांति और प्रगति कायम होना असंभव है। इसके लिए इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को खास ध्यान देना होगा। जनरल ने इस बात पर जोर दिया कि बाहरी और आतंरिक खतरों से निबटने के लिए सभी संस्थानों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अमन की खातिर मुद्दों का हल राजनीतिक तरीकों से निकालना होगा। उनके मुताबिक क्षेत्र में अमन सुनिश्चित करने के लिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा एक प्रमुख कारक है। राहील ने चेतावनी देते हुए कहा, अब समय आ गया है कि सीपीईसी के दुश्मन इसके खिलाफ काम करना बंद कर दें और इसका हिस्सा बन जाएं।