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भारत-श्रीलंका के बीच असैन्य परमाणु समझौता

आपसी संबंधों को नए स्तर तक ले जाते हुए भारत और श्रीलंका ने सोमवार को एक असैन्य परमाणु समझौते पर दस्तखत किए और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के बीच हुई वार्ता के बाद इसकी घोषणा की गई।
भारत-श्रीलंका के बीच असैन्य परमाणु समझौता

वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने एक रचनात्मक एवं मानवीय रुख अपनाकर मछुआरों से जुड़े संवेदनशील मुद्दे का समाधान तलाशने को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की। सिरीसेना के साथ एक संयुक्त प्रेस सम्मेलन में मोदी ने कहा, असैन्य परमाणु सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता हमारे आपसी विश्वास की एक और अभिव्यक्ति है। श्रीलंका द्वारा हस्ताक्षरित यह पहला इस तरह का समझौता है।

इससे कृषि एवं स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों सहित अन्य मामलों में भी सहयोग के नए रास्ते खुले हैं। श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने वार्ता के नतीजों पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि दोनों देशों की दोस्ती सिर्फ एक-दूसरे के लिए अहम नहीं है बल्कि इसका महत्व पूरे क्षेत्र के लिए भी है। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में संबंध सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों की तारीफ करता हूं। दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। मोदी ने श्रीलंका यात्रा पर आमंत्रित करने के लिए सिरीसेना का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वह मार्च में श्रीलंका दौरे पर जाने के लिए उत्साहित हैं।

रविवार को भारत पहुंचे सिरीसेना ने श्रीलंका का राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना। उन्होंने हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में महिंदा राजपक्षे को मात दी थी। राजपक्षे पिछले 8 साल से अधिक समय से श्रीलंका के राष्ट्रपति पद पर आसीन थे और उन्हें चीन की ओर झुकाव रखने वाला माना जाता था। उनके उलट सिरीसेना का झुकाव भारत की ओर माना जाता है। अपने दिल्ली दौरे में सिरीसेना महात्मा गांधी की समाधि राजघाट भी गए।

आज हुए परमाणु समझौते के तहत ज्ञान एवं विशेषज्ञता के आदान-प्रदान, संसाधन साझा करने, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में कर्मियों के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण जैसे सहयोग किए जाएंगे। रेडियोधर्मी कचरा प्रबंधन और परमाणु एवं रेडियोधर्मी आपदा राहत तथा पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग किया जाएगा। दोनों देशों ने तीन अन्य समझौतों पर भी दस्तखत किए जिसमें कृषि के क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। एक और समझौते पर दस्तखत हुए जिसके तहत श्रीलंका नालंदा विश्वविद्यालय परियोजना में हिस्सा ले सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और श्रीलंकाई नेता रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।

श्रीलंका में आंतरिक तौर पर विस्थापित लोगों के लिए भारत के सहयोग से चल रही परियोजनाओं के बाबत मोदी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर शानदार प्रगति की है। मोदी ने कहा, इसमें आवासीय परियोजना भी शामिल है जिसके तहत 27,000 से ज्यादा मकान पहले ही बनाए जा चुके हैं।

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