Advertisement

उग्र दक्षिण-वाम चुनौती के बीच झूलता नेपाली संविधान

नेपाल में चार प्रमुख राजनैतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्यु‌निस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है।
उग्र दक्षिण-वाम चुनौती के बीच झूलता नेपाली संविधान

नेपाल में चार प्रमुख राजनीतिक दलों नेपाली कांग्रेस, नेपाल की कम्यु‌निस्ट पार्टी (एमाले), नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) और मधेसी पीपुल्स राइट्स फोरम (डेमोक्रेटिक) के बीच 16 सूत्री समझौते पर सहमति के बाद शुरू हुई संविधान के प्रारूप की प्रक्रिया को दो विपरीत ध्रुवों का आक्रामक विरोध झेलना पड़ रहा है। एक ध्रुव धुर दक्षिणपंथी गुटों का है जो नेपाल को राजशाही समय की तरह ही हिंदू राष्ट्र देखना चाहते हैं। दूसरा ध्रुव उग्र वामपंथियों का है जो प्रस्तावित संविधान के तहत बहुदलीय लोकतंत्र का विरोध करते हुए एक दलीय माओवादी व्यवस्‍था कायम करना चाहते हैं।

शनिवार को उग्र वामपंथी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी चंद) ने संविधान के मसौदे और लिपू-लेक दर्रे के रास्ते सीमा व्यापार बढ़ाने के लिए भारत-चीन के बीच समझौते के खिलाफ आक्रामक हड़ताल की। चंद गुट के कार्यकर्ताओं ने कई वाहनों को जला डाला और अनेक स्कूल तथा दुकानें बंद करा दीं। इस हड़ताल के कारण काठमांडू और अन्य प्रमुख शहरों में यातायात बंद रहा एवं बड़े बाजार और शिक्षा संस्‍थान भी खुलने नहीं दिए गए। काठमांडू और आसपास हिंसा से निपटने के लिए सैकड़ाें पुलिस वाले तैनात किए गए। पुलिस के अनुसार लगभग 250 उग्र माओवादी वामपंथियों को गिरफ्तार किया गया।

इसके पहले पिछले दिनों नए संविधान के मसौदे को जनता के बीच चर्चा के लिए ले जाने वाले नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेता प्रचंड और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के नेता माधव नेपाल पर उग्र दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी गुटों ने हमला किया। मंगलवार को तो संविधान सभा की सदस्य नजमा खातून को जनता के बीच संविधान के मसौदे पर चर्चा के दौरान दक्षिणपंथी उग्रवादी कार्यकर्ताओं की आक्रामकता से रक्षा के लिए कुर्सी पर रायट हेल्मेट पहनकर बैठना पड़ा।

नेपाल में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के सामने अब चुनौती यह है कि उग्र वाम और उग्र दक्षिणपंथी लामबंदी के बीच जनता में नए संविधान के मसौदे को स्वीकार्य बनाए तथा नेपाल को फिर अराजकता के दौर में फिसल जाने से रोके। 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad