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सोवियत विघटन का हवाला दे सीपीसी ने शी की सत्ता पर गहराती पकड़ को सही ठहराया

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) ने सोवियत संघ के विघटन का हवाला देते हुए राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पार्टी पर गहरी होती पकड़ को उचित ठहराया है।
सोवियत विघटन का हवाला दे सीपीसी ने शी की सत्ता पर गहराती पकड़ को सही ठहराया

भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के साथ चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि 10 लाख से भी ज्यादा भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने का शी का अभियान पार्टी को सोवियत संघ जैसी स्थिति से बचाने के लिए जरूरी है। वर्ष 1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया था। शी के भ्रष्टाचार रोधी अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए आज सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया कि सोवियत विघटन कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) को पार्टी नेतृत्व का पाठ पढ़ाता है। शी के अभियान में अब तक पार्टी के 10.1 लाख अधिकारियों को पिछले तीन साल में दंडित किया जा चुका है। सीपीसी की कल शुरू हुई चार दिवसीय बैठक में भ्रष्टाचार रोधी अभियान और पार्टी का अनुशासन चर्चित शब्द बन गए हैं। इस प्रमुख बैठक का आयोजन पार्टी के सख्त शासन से जुड़े बड़े मुद्दो पर चर्चा के लिए किया गया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, इस समग्र बैठक में दो दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। इनमें से एक दस्तावेज नई स्थिति में पार्टी के भीतर के राजनीतिक जीवन से जुड़ी शर्तों के बारे में है और दूसरा पार्टी के भीतर निरीक्षण नियमन की समीक्षा से जुड़ा है।

ऐसे प्रबल कयास हैं कि बैठक की योजना वर्ष 1981 के उस नियम को बदलने की है, जिसमें सत्ता का केंद्रीकण किसी एक व्यक्ति के हाथ में होने से रोकने के लिए पार्टी को संयुक्त नेतृत्व अपनाने के लिए कहा गया था। यह बैठक अगले साल शी के कार्यकाल के पांच साल पूरे होने पर हो रही पार्टी की कांग्रेस से पहले हो रही है। पार्टी और सेना के नेता के रूप में और राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल को पांच साल अगले साल पूरे होने जा रहे हैं। बैठक से पहले 63 वर्षीय शी की तुलना पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग से की जा रही थी। ऐसी अफवाहें थीं कि इस बैठक में नेताओं के लिए 10 साल के कार्यकाल के नियम को संशोधित किया जा सकता है ताकि शी 2022 के बाद तक पद पर बने रहें। रिपोर्ट में कहा गया कि सीपीसी भ्रष्टाचार रोधी अभियान लागू कर रही है और पार्टी का अनुशासन बढ़ा रही है क्योंकि इसने पूर्व सोवियत संघ के विघटन से सबक सीखे हैं। शी ने कहा था कि यदि पार्टी के सदस्य अपनी मर्जी की चीजें कहते और करते रहेंगे तो पार्टी एक उग्र भीड़ में बदल जाएगी।

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