शनिवार के बाद रविवार को भी नेपाल ने भूकंप के झटके महसूस किए गए। अक्सर शक्तिशाली भूकंप के बाद इस तरह के झटके आते हैं। रविवार दोपहर नेपाल में करीब 6.8 तीव्रता को भूकंप आया, जिसका केंद्र काठमांडू से 65 किलोमीटर दूर कोडारी में था। इसके झटके उत्तर और पूर्वी भारत के कई इलाकों में भी महसूस हुए। शाम तक भी झटकों का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान नेपाल में बारिश और हिम-स्खलन की आशंका जताई है। इधर, भारत ने नेपाल को संकट की इस घंटी में मदद के लिए ऑपरेशन मैत्री शुरू कर दिया है। भारतीय वायुसेना और बसों के जरिए नेपाल से अब तक एक हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित देश लौट चुके हैं। लेकिन रविवार शाम हुई बारिश से काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर उड़ानें पूरी तरह बंद करनी पड़ी। बहुत-से पर्यटक अपने देश्ा वापस जाने के लिए हवाई अड्डे पर जमा हैं और भूकंप की आशंका से वहां भी अफरा-तफरी मची हुई है। गौरतलब है कि नेपाल में 1934 के बाद सबसे भयंकर भूकंप आया है। उस समय आए भूंकप में करीब 8500 लोग मारे गए थे।
नेपाल से मिली रही जानकारी के अनुसार, नेपाल के प्रमुख अस्पतालों में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बहुत-से लोग इलाज के इंतजार में अस्पतालों के बाहर ही सड़कों ही घायल पड़े हैं। राहत-बचाव के व्यवस्थित प्रयास नेपाल में सिरे से गायब हैं। हालांकि, भारत सहित दुनिया के कई देशों ने नेपाल को मदद पहुंचानी शुरू कर दी है। लेकिन बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों और बारिश ने राहत दलों का काम बेहद मुश्किल कर दिया है। श्ानिवार को भूकंप में बाल-बाल बचे बाबा रामदेव का योग शिविर राहत कैंप में बदल चुका है। वहां भी हजारों लोग शरण लिए हुए हैं।
काठमांडू में 1100 लोग मरे
भूकंप के झटकों ने नेपाल की राजधानी काठमांडू को मौत की घाटी में तब्दील कर दिया है। शहर में करीब 1100 लोगों के मारे जाने की खबर है। दुनिया भर की स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से नेपाल को मदद का हाथ बढ़ाया जा रहा है लेकिन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और भूकंप के झटकों के बीच राहत-बचाव कार्य रोकना पड़ा है। राहत शिविरों में हालात बदतर होते जा रहे हैं। लोग खाने-पीने, सुरक्षित स्थानों पर जाने और इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं। त्रिभुवन हवाई अड्डे पर उड़ान पकड़ने के लिए विदेशी यात्रियों के बीच मारामारी मची है। संचार सेवाएं, बिजली, पानी की आपूर्ति और आवाजाही बाधित होने से नेपाल की राजधानी समेत सभी प्रमुख शहरों में अफरा-तफरी मची है। गांव के गांव तबाह हो गए हैं। वहां तक मदद पहुंचाने वाला भी कोई नहीं।
चीन और इजराइल से मेडिकल यूनिट पहुंची
भारत के अलावा कई देशों से नेपाल में मदद पहुंचनी शुरू हो गई है। एनडीआरएफ के सात टीम की तैनाती नेपाल में की गई है। दो-दो टीम ललितपुर और काठमांडू धाटी के जिले में तैनात किए गए हैं जबकि तीन टीम की तैनाती नेपाल के बक्तापुर में की गई है। भारत के अलावा इजराइल और चीन से भी मोबाइल मेडिकल यूनिट नेपाल पहुंच चुकी हैं। यूनिसेफ ने नेपाल में 10 लाख बच्चों तक तुरंत सहायता पहुंचाने की अपील की है।