भारत ने इस महीने के शुरू में इस्लामाबाद में एक अदालत की ओर से लश्कर आतंकवादी लखवी को रिहा किए जाने के आदेश पर नाराजगी जताई थी। लखवी मुंबई पर 26/11 आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है। लखवी को हालांकि बाद में 30 दिन के लिए फिर हिरासत में ले लिया गया।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि मामला अदालत के अधीन है। इसलिए इंतजार करें। बेहतर होगा कि समय से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचें।
उल्लेखनीय है कि लखवी और छह अन्य पर 2008 में मुंबई पर हमले की योजना बनाने और इसे अंजाम तक पहुंचाने का आरोप है, जिसमें कुछ विदेशियों समेत 166 लोग मारे गए थे।
अदालत द्वारा उसे रिहा करने के निर्देश का पालन करने से पहले ही 14 मार्च को इस्लामाबाद में पाकिस्तान ने लखवी को लोक सुरक्षा व्यवस्था के तहत और 30 दिनों के लिए हिरासत में भेज दिया था।
पाकिस्तान दिवस के मौके पर एक समारोह में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के विवादास्पद ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर बासित ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, कोई टिप्पणी नहीं। वह हमारे मुख्य अतिथि थे। पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इस समारोह में भाग लेने के बाद सिंह ने कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने अप्रसन्नता और दायित्व को परिभाषित किया था।