इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान की पार्टी द्वारा राजधानी में बंद की योजना पर रोक लगाते हुए उन्हें निर्धारित स्थल पर धरना प्रदर्शन करने का आदेश दिया। अदालत ने आज पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की धमकी से संबंधित उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें कहा गया कि वह प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को कथित भ्रष्टाचार की वजह से पद से हटने के लिए बाध्य करने के उद्देश्य से दो नवंबर को इस्लामाबाद में बंद रखेगी। न्यायमूर्ति शौकत अजीज सिद्दिकी ने आदेश दिया कि पार्टी इस्लामाबाद परेड ग्राउंड के समीप डेमोक्रेसी पार्क एंड स्पीच कार्नर में अपना प्रदर्शन कर सकती है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के कानून के तहत विरोध प्रदर्शन हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। लेकिन कानून के तहत जो मान्य नहीं है उसे करने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता या उस पर दबाव नहीं डाला जा सकता।
न्यायमूर्ति सिद्दिकी ने कहा, यदि राजधानी की नाकेबंदी या बंद रखने की कोई कोशिश की जाती है तो जिला प्रशासन कानून के मुताबिक कार्रवाई करेगा। अदालत ने इमरान से उसके समक्ष पेश होने और पुलिस से उनकी सुरक्षा का इंतजाम करने को कहा। इससे पहले इमरान ने मीडिया से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का स्वत: संज्ञान लेने का आह्वान किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेश नहीं होंगे जिसपर न्यायमूर्ति सिद्दिकी ने सुनवाई के दौरान नाराजगी भी जाहिर की। उधर, प्रशासन ने अपनी कार्रवाई के तहत इमरान की पार्टी के कम से कम 1500 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस्लामाबाद में राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है। आने वाले 2 नवंबर को राजधानी में बड़ा मुजाहरा होने की संभावना है।