Advertisement

संबंधों में सुधार के लिए पाकिस्तान पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल

हाल ही में बलूचिस्तान में हुए एक अमेरिकी ड्रोन हमले में अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला मंसूर के मारे जाने से द्विपक्षीय संबंधों में आए तनाव तथा बढ़ते भारत-अमेरिका रणनीतिक सहयोग को लेकर कड़ी चिंता जताए जाने के बीच एक उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल आज पाकिस्तान पहुंचा।
संबंधों में सुधार के लिए पाकिस्तान पहुंचा अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल

पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए वरिष्ठ निदेशक पीटर लैवॉय और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के लिए विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल असैन्य एवं सैन्य नेताओं के साथ बातचीत करेगा। विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया, बातचीत का एजेंडा खुला है और ड्रोन हमलों, रणनीतिक तथा रक्षा मामलों एवं अफगानिस्तान में सुलह सहमति की प्रक्रिया सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अफगानिस्तान में शांति मुद्दे को लेने के तरीके, भारत के साथ अमेरिका के बढ़ते रक्षा संबंध, खास कर परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की दावेदारी के लिए समर्थन को लेकर पाकिस्तान अमेरिका के संबंधों में गिरावट आई है।

 

विदेशी मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज के अनुसार, भारत अमेरिका के उत्तरोत्तर बढ़ते संबंध रणनीतिक अस्थिरता उत्पन्न कर रहे हैं क्योंकि 48 देशों के एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए वाशिंगटन का समर्थन भेदभावपूर्ण है। पाकिस्तान ने 21 मई को हुए ड्रोन हमले पर कड़ा विरोध जताया है। इस हमले में अफगान तालिबान नेता मुल्ला अख्तर मंसूर मारा गया था। सरताज अजीज ने कहा कि बलूचिस्तान में हाल ही में हुआ ड्रोन हमला हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है, शांति प्रयासों के लिए एक गंभीर झटका है और इससे अफगानिस्तान में वैमनस्य बढ़ा है। सभी पक्षों को इस ड्रोन हमले की आलोचना करनी चाहिए। पाकिस्तान ने एफ 16 लड़ाकू विमान सौदे पर अमेरिकी कांग्रेस के टालमटोल को लेकर भी नाखुशी जाहिर की है। अमेरिकी कांग्रेस ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान की गतिविधियों को गैर प्रभावकारी बताते हुए उसे दिए जाने वाले वित्तीय अनुदान पर रोक लगा दी है। लेकिन इस्लामाबाद का मानना है कि कांग्रेस ने भारतीय खेमेबंदी और दबाव के चलते ऐसा किया है। पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी मतभेद हैं और इस्लामाबाद इसे विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधी क्षमता की धुरी मानता है।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad