बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर कट्टरपंथियों के हमले लगातार जारी हैं। ताजा मामले में तीन हमलावरो ने एक हिंदू पुजारी की निर्मम हत्या कर दी। सहायक पुलिस अधीक्षक गोपीनाथ कांजीलाल ने बताया कि झिनाईगाह जिले के नोलडांगा गांव में पुजारी अनंत गोपाल गांगुली सुबह करीब साढ़े नौ बजे मंदिर जा रहे थे। तभी मोटरसाइकिल से आए तीन हमलावरों ने तेज धार वाले हथियारों से उनका गला काट दिया। कांजीलाल ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों ने यह हत्या की। पुलिस ने बताया कि उन्होंने शव बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस बीच, इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हिन्दू पुजारी की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है। निगरानी समूह एसआईटीई ने आतंकी संगठन की अमाक समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि आईएस ने दावा किया है कि उसने पुजारी की उस समय हत्या कर दी जब वह पूजा-अर्चना के लिए जा रहे थे।
झिनाईगाह के पुलिस प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने बताया, प्रतीत होता है कि गांगुली को आतंकवादियों ने मारा क्योंकि जिस तरह गांगुली को मारा गया वह तरीका आतंकवादियों का रहा है। उन्होंने कहा, वह साधारण बुजुर्ग आदमी थे जिन्हें आसपास के ज्यादा लोग नहीं जानते थे। हमें एेसा भी कोई संकेत नहीं मिला कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। परिस्थितियों को देखकर इसमें आतंवादियों का हाथ होने का शक होता है और हमने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। किसानों ने पुजारी का शव उनके घर के पास खेत में पड़ा देखा जिसका सर लगभग कटा हुआ था। गांगुली सदर उपजिला स्थित नोलडांगा मंदिर में पुजारी थे। वह पूजा के लिए मंदिर जा रहे थे। उसी दौरान हमलावरों ने उन्हें रोका और गोली मार दी। बाद में हमलावरों ने गांगुली का सर लगभग काट दिया।
हालिया महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, धर्म निरपेक्ष ब्लॉगरों, बुद्धिजीवियों और विदेशियों पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। रविवार को एक गिरजाघर के समीप अज्ञात हमलावरों ने एक ईसाई उद्योगपति पर हमला कर उसे मार डाला। कुछ घंटों बाद आतंकवाद निरोधक एक पुलिस अधिकारी की पत्नी को धार्मिक चरमपंथियों ने गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। फरवरी में उग्रवादियों ने एक मंदिर में एक हिंदू पुजारी को छुरा मार दिया था जिससे उसकी मौत हो गई। पुजारी की मदद के लिए आए एक श्रद्धालु को उग्रवादियों ने गोली मारी थी और घायल कर दिया था। अप्रैल में आईएसआईएस के उग्रवादियों ने राजशाही शहर में एक उदारवादी प्रोफेसर की उनके आवास में गला काट कर नृशंस हत्या कर दी थी। उसी माह एक हिंदू दर्जी को आईएसआईएस उग्रवादियों ने उसकी दुकान में ही मार डाला था। आईएसआईएस और अलकायदा ने बांग्लादेश में कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने अपने देश में उनकी मौजूदगी से इंकार किया है।