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पाक सरकार से जुड़े तत्व बंद करें आतंकवाद का समर्थन: भारत

पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई द्वारा आतंकवादी संगठनों लश्करे तैयबा और जैशे मोहम्मद के आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने संबंधी पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की स्वीकारोक्ति का इस्तेमाल करते हुए भारत ने आज पाकिस्तान सरकार से जुड़े तत्वों से कहा कि वे क्षेत्र में आतंकवाद का समर्थन बंद करें।
पाक सरकार से जुड़े तत्व बंद करें आतंकवाद का समर्थन: भारत

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, भारत में आतंकवादी गतिविधियों में आईएसआई की संलिप्तता संबंधी मुशर्रफ की स्वीकारोक्ति के बाद यह स्पष्ट है और इस पर कोई और स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं। यह पाकिस्तान की सरकार से जुड़े तत्वों के लिए हमारे क्षेत्र में आतंकवाद का समर्थन बंद करने की जरूरत को और मजबूत करती है। साथ ही स्वरूप ने पाकिस्तान से कहा कि वह पाक-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली द्वारा मुंबई आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी सेना की भूमिका का खुलासा करने के बाद उस आतंकवादी हमले के पीछे के षड्यंत्र का पूरा खुलासा करे। प्रवक्ता ने कहा, हेडली की गवाही मुंबई आतंकवादी हमले के संबंध में है और वह गवाही अपने आप में स्पष्ट है। अब यह पाकिस्तान पर है कि वह जांच करे और मुम्बई आतंकवादी हमले के संबंध में पाकिस्तान में रचे गए पूरे षड़यंत्रत्र का खुलासा करे और सभी संबंधित व्यक्तियों को न्याय के कठघरे में ले आए।

 

प्रवक्ता स्वरूप ने कहा, अजमल कसाब की स्वीकारोक्ति के बाद यदि किसी पुष्टि की जरूरत थी तो हेडली की गवाही उसे फिर स्पष्ट करती है। भारत-पाक विदेश सचिव स्तरीय वार्ता की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सचिव एकदूसरे के सम्पर्क में हैं। पाकिस्तान सरकार के पठानकोट आतंकवादी हमले के संबंध में भारत की ओर से दिए गए सबूतों को खारिज कर दिए जाने की खबरों के बारे में स्वरूप ने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जांच के संबंध में सम्पर्क में थे और सरकार कुछ मीडिया की खबरों पर नहीं बल्कि आधिकारिक लाइन पर आगे बढ़ेगी।

 

सियाचिन से सेना हटाने संबंधी पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के बयान के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि सियाचिन हमेशा से ही द्विपक्षीय वार्ता प्रक्रिया का हिस्सा रहा है और उस पर सही समय पर चर्चा की जाएगी। कश्मीरी अलगाववादियों की यहां बासित से हाल में हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सरकार का रूख बहुत स्पष्ट है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस मुद्दे पर चर्चा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय तरीके से ही हो सकती है।

 

 

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