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ऐतिहासिक समझौते में बांग्लादेश को 10,000 एकड़ जमीन का फायदा

बांग्लादेश के साथ हुए ऐतिहासिक जमीन सीमा समझौते से 41 साल पुराना विवाद हल होने की उम्‍मीद है। इससे बांग्लादेश को करीब 10 हजार एकड़ जमीन का फायदा होगा जबकि भारत को सिर्फ 500 एकड़ अतिरिक्‍त जमीन मिलेगी।
ऐतिहासिक समझौते में बांग्लादेश को 10,000 एकड़ जमीन का फायदा

नई दिल्‍ली। बांग्लादेश की यात्रा पर गए नरेंद्र मोदी ने दरियादिली दिखाते हुए बांग्लादेश को 2 अरब डॉलर की मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा बांग्लादेश और भारत के बीच ऐतिहासिक जमीन सीमा समझौते को लागू करने पर भी सहमति बन गई है। समझौते के तहत करीब 17160 एकड़ क्षेत्र में मौजूद 111 भारतीय बस्तियों को बांग्लादेश को सौंपा जाएगा जबकि  स्थित 7110 एकड़ में फैली बांग्लादेशी बस्तियां अब भारत का हिस्‍सा मानी जाएंगी। इस तरह बांग्लादेश को करीब 10 हजार एकड़ जमीन का फायदा होगा। हालांकि, इससे दोनों देशों के बीच पिछले 41 साल से चला आ रहा सीमा विवाद हल हो सकता है और इन बस्तियों में रहने वाले 50 हजार से ज्‍यादा लोगों की राष्‍ट्रीयता का मसला सुलझने के आसार हैं। लेकिन भारत को 10 हजार एकड़ अतिरिक्‍त जमीन पर अपना दावा छोड़ना पड़ेगा।  

हालांकि, बांग्लादेश ने भी भारत की तरफ दोस्‍ती का हाथ बढ़ाते हुए भारतीय कंपनियों के लिए 600 एकड़ में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के बीच वार्ता के बाद कुल 22 समझौत हुए हैं, जिनमें जमीन सीमा समझौते के अलावा कोलकाता-ढाका-अगरतला बस सर्विस भी शामिल हैं। 

 

भारत को सिर्फ 500 एकड़ जमीन का फायदा 

विदेश मंत्रालय के दस्‍तावेजों के अनुसार, जमीन सीमा समझौतों के तहत भारत और बांग्लादेश बस्तियों के अलावा एक-दूसरे के कब्‍जे वाली कुछ जमीन एक-दूसरे को देंगे। बांग्लादेश के कब्‍जे वाली 2777 एकड़ जमीन भारत को मिलेगी जबकि भारत 2267 एकड़ जमीन बांग्लादेश को सौंपेगा। इस तरह भारत को भी 500 एकड़ जमीन का फायदा होगा। लेकिन बांग्लादेश को बस्तियों की अदला-बदली से मिलने वाली 10 हजार एकड़ जमीन के मुकाबले यह काफी कम है।

वर्ष 1974 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के संस्‍थापक शेख मुजीबुर रहमान के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौतों की कई शर्तों पर लंबे समय से दोनों देशों में सहमति नहीं बन पा रही थी। लेकिन मोदी सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए पिछले महीने इस समझौते पर अमल करने के लिए संसद की मंजूरी हासिल की थी। 

 

बांग्लादेश को करीब 13 हजार करोड़ रुपये की मदद 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रत्‍याशित कदम उठाते हुए बांग्लादेश को 2 अरब डॉलर यानी करीब 13 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का ऐलान भी किया है। संभवत: यह कदम पूर्वोत्‍तर भारत में चीन की गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में भारत ने बांग्लादेश को एक अरब डॉलर का कर्ज‍ दिया था, जिसका बांग्लादेश अभी तक पूरा इस्‍तेमाल नहीं कर पाया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कर्ज की घोषणा कर सबको चौंका दिया है। यह भारत की ओर से किसी भी देश को दी जाने वाली सबसे बड़ी वित्‍तीय सहायता है। शायद इसके जरिए भारत छोटे पड़ोसी देशों को यह संदेश भी देना चाहता है कि भारत से मधुर संबंध उनके लिए फायदे का सौदा हैं।  

 

 

 

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