भारत चीन सीमा विवाद पर चीनी राजदूत सन विडोंग ने कहा है कि दोनों देशों को शांति की जरूरत है टकराव की नहीं। विडोंग ने कहा कि भारत और चीन को आपसी सहयोग के ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिनसे दोनों का फायदा हो, न कि ऐसे काम करें जिनसे दोनों को नुकसान भुगतना पड़े।
विडोंग ने एक बयान जारी कर कहा कि सीमा विवाद को शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से ऐसा समाधान ढूंढना चाहिए, जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो। चीनी राजदूत ने कहा कि अतीत से चला आ रहा सीमा विवाद एक संवेदनशील और पेचीदा मुद्दा है। हमें एक दूसरे से परामर्श कर और शांतिपूर्ण बातचीत के द्वारा उचित व तार्किक समाधान खोजने की जरूरत है, जो दोनों पक्षों को मंजूर हो।
सन विडोंग ने अपने बयान के जरिए भारत-चीन के बीच बेहतर रिश्तों को बनाए रखने के लिए सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को पार्टनर होना चाहिए, ना कि प्रतिस्पर्धी। भारत और चीन को शांति बनाए रखना चाहिए, न कि संघर्ष भारत और चीन को पारस्परिक हित के कदम उठाने चाहिए, न कि दोनों को नुकसान पहुंचाने वाले।
उन्होंने कहा कि वह ऐसी परिस्थिति थी जिसे न भारत देखना चाहेगा, न ही चीन। कमांडर स्तर की बातचीत में हुए समझौते के आधार पर अब हमारी सेनाएं पीछे हट चुकी हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अगुवाई में सीमा विवाद सुलझाने के लिए हुई बातचीत के बाद भारत और चीन की सीमाएं दो-दो किलोमीटर पीछे हटी हैं। चीनी सेना लद्दाख की गलवान घाटी के बाद अब पैंगॉन्ग त्सो के फिंगर-4 से पीछे हट गई है।बता दें कि सबसे पहले 5-6 मई को दोनों देशों की सेनाएं फिंगर-4 पर ही आमने-सामने आई थी। जबकि शुक्रवार को चीनी सेना फिंगर-4 से अपने बोट, गाड़ियां और बुलडोजर को हटा कर पीछे चली गई है।