विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, हमने हाफिज सईद और चार अन्य को एहतियातन हिरासत में रखे जाने पर गौर किया है।
उन्होंने कहा, हाफिज सईद और अन्य के खिलाफ आदेश जैसी कवायद पाकिस्तान पहले भी कर चुका है। मुम्बई आतंकवादी हमले के सूत्रधार और सीमापार आतंकवाद में शामिल संगठनों पर सिर्फ भरोसेमंद कार्रवाई ही पाकिस्तान की गंभीरता का सबूत होगा।
ट्रंप प्रशासन के दबाव बढ़ाने पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने सईद और चार अन्य को आतंकवाद निरोधी कानून के तहत हिरासत में डाल दिया था।
स्वरूप ने कहा कि सरकार ने जेयूडी और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को निगरानी सूची में डालने से संबंधित पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के आदेश वाली खबरें देखी हैं। उसने वह अधिसूचना भी देखी है जिसके तहत फाउंडेशन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद :यूएनएससी: प्रस्ताव संख्या 1267 के तहत उसके आतंकवाद निरोधक कानून की दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत पहले से कहता रहा है कि आतंकवादी संगठनों एवं व्यक्तियों को सूचीबद्ध करने और उन्हें प्रतिबंधित करने से जुड़े यूएनएससी 1267 प्रावधानों को सभी सदस्य देशों द्वारा प्रभावी तरीके से एवं ईमानदारी पूर्वक लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमने लगातार ज्ञात आतंकवादियों को 1267 पाबंदियों के दायरे में लाने की मांग की है। जेयूडी कार्यकर्ताओं के अनुसार सईद जब लाहौर की मस्जिद-ए-कुदसिया चौबुर्जी में था तब पुलिस पंजाब के गृह मंत्रालय के हिरासत आदेश को लागू करने वहां पहुंची। पंजाब के गृह मंत्रालय ने देश के गृह मंत्रालय के 27 जनवरी के एक निर्देश पर यह कदम उठाया। भाषा