विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि जयशंकर ने बीते छह सितंबर को पत्र लिखा था जिसे नौ सितंबर को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा पाकिस्तान को सौंपा गया। स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान इस हमले के षड़यंत्रकारियों को न्याय के जद में लाने को लेकर गंभीर है तो उसे सुझावों पर कदम उठाना चाहिए क्योंकि इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, इसे पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा अंजाम दिया गया था और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं। हमले के करीब आठ साल हो जाने के बाद भी पाकिस्तान में अब तक सुनवाई में प्रगति नहीं होने का उल्लेख करते हुए स्वरूप ने कहा, दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारे विदेश सचिव ने हाल ही में अपने पाकिस्तानी समकक्ष को ऐसे सुझाव देते हुए पत्र लिखा जिनसे कानूनी माध्यम से सहयोग के जरिये सुनवाई में प्रगति हो सकती है।
स्वरूप ने कहा कि मुंबई हमले को लेकर पाकिस्तान में अभियुक्तों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने में हो रही देरी के बाद यह कदम उठाया गया है। स्वरूप ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं कि पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी, हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी नागरिक थे और सभी सबूत पाकिस्तान में हैं, लेकिन आठ साल गुजर जाने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी रफ्तार से चल रही है। उन्होंने कहा कि देश का ध्यान आतंकवाद पर अंकुश लगाने पर है तथा सरकार मुंबई हमले की सुनवाई को तेजी से निष्कर्ष तक पहुंचाना चाहती है। प्रवक्ता ने कहा, हम इसकी पेशकश के लिए तैयार हैं कि यह उचित कानूनी माध्यमों के जरिये कैसे किया जा सकता है। बहरहाल उनसे पाकिस्तान के जवाब के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि नहीं पाकिस्तान ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।