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खुफिया रिपोर्ट: हिरासत में नहीं जैश प्रमुख मसूद अजहर

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को न ही गिरफ्तार किया गया है और न ही उसे नजरबंद किया गया है। यह दावा खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया है। यहां तक कि मसूद अजहर के तीन कनिष्ठ सहयोगियों को जिस मामले में हिरासत में लिया गया है उसका भी पठानकोट आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है।
खुफिया रिपोर्ट: हिरासत में नहीं जैश प्रमुख मसूद अजहर

खुफिया तौर पर मिली जानकारियों के हवाले से सरकारी अधिकारियों ने आज बताया है कि पाकिस्तान में अजहर के खिलाफ पठानकोट आतंकी हमले के सिलसिले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार इस आतंकी समूह के नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई होते नहीं दिख रही है। अधिकारियों ने कहा, हालांकि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने जैश के तीन कनिष्ठ स्तर के पदाधिकारियों को हिरासत में लिया है लेकिन उन्हें महज कुछ दस्तावेजों के सिलसिले में पकडा गया है और इसका दो जनवरी को पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले से कोई लेना-देना नहीं है। पठानकोट हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि छह आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया था।

अधिकारियों ने बताया है कि पठानकोट घटना के बाद अजहर को हिरासत में लिए जाने की शुरूआती खबरें पूरी तरह गलत थीं और संदेह है कि इन्हें कुछ पाकिस्तानी एजेंसियों ने फैलाया है। पाकिस्तान ने अभी तक भारत को सूचित नहीं किया है कि उसने जैश या उसके किसी कार्यकर्ता के खिलाफ पठानकोट हमले को लेकर कोई आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान चूंकि यह घोषणा कर चुका था कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, तो अब उसे इस बात का भी खुलासा करना चाहिए कि इन लोगों को किस कानून के तहत हिरासत में लिया गया है और क्या जांच शुरू की गई है।

भारत ने पाकिस्तान को कुछ मोबाइल नंबर दिए हैं जिनका इस्तेमाल पंजाब के संवेदनशील वायुसेना ठिकाने पर हमला करने वाले छह आतंकवादियों के आकाओं ने किया था। अधिकारियों ने बताया कि इन नंबरों के मालिकों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों एवं उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच टेप की गई बातचीत को भी साझा किया गया है। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार को एक आपराधिक मामला दर्ज कर जांच आगे बढ़ानी चाहिए और इन कॉल को प्राप्त करने वालों को हिरासत में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने विशिष्ट सुराग दिए थे जिसके तहत खास गिरफ्तारियां होनी चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान को और सबूत मांगने का जायज अधिकार है किन्तु पहले उन्हें उन सबूतों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो उनके साथ पहले से ही साझा कर लिए गए हैं।

जहां तक पाकिस्तान के विशेष जांच दल (एसआईटी) के यहां के दौरे की बात है, अधिकारियों ने कहा कि कोई भी साक्ष्य केवल कानून के तहत एकत्र किया जा सकता है किन्तु ऐसे किसी कानून के बारे में सूचना नही है जिसके तहत वह पठानकोट वायुसेना अड्डे जाकर सबूत एकत्र करेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13 जनवरी को एक बयान जारी कर कहा था कि पठानकोट घटना से कथित रूप से जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ चल रही जांच में पर्याप्त प्रगति हुई है। बयान में कहा गया, पाकिस्तान में शुरूआती जांच के आधार पर और प्रदान की गई सूचना पर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कई लोगों को पकड़ा गया है। संगठन के कार्यालयों का पता लगाकर उन्हें सील किया जा रहा है। आगे की जांच चल रही है। बयान में कहा गया कि सहयोगात्मक रूख की भावना के तहत प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए यह भी तय किया गया कि अतिरिक्त सूचना की जरूरत पडेगी, जिसके लिए पाकिस्तान की सरकार भारत सरकार से विचार विमर्श कर एक एसआईटी को पठानकोट भेजने के बारे में विचार कर रही है।

 

 

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