इस आतंकी हमले में 166 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ट्रायल कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सातों संदिग्धों पर मुंबई हमलों में मारे गए हर शख्स की मौत के लिए उकसाने का आरोप लगाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि अदालत ने संदिग्धों से फिर से जिरह करने की इजाजत नहीं दी है। अभियोग पक्ष ने कोर्ट में दो महीने पहले आवेदन देकर लखवी और अन्य पर लगे आरोपों में संशोधन करने की मांग की थी। अभियोजन ने हमले में मारे गए लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट शामिल किए जाने का भी अनुरोध किया था। अभियोजन ने कहा था कि भारत से मुंबई हमलों के प्रत्येक मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजे जाने को कहा जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इन सबको दरकिनार करते हुए मुकदमा चलाने का फैसला सुना दिया। इस बीच मुंबई हमला मामले में देर हुई क्योंकि पिछली सात सुनवाइयों में कोई कार्यवाही नहीं हुई। मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होनी है। पाकिस्तानी अधिकारी मामले में देर को लेकर भारत को जिम्मेदार ठहराते हुए कह रहे हैं कि वे तब तक आगे नहीं बढ़ सकते जब तक कि भारत सरकार गवाहों को बयान दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान नहीं भेजती।
मुंबई हमले में फंसा लखवी, 166 की हत्या के लिए उकसाने का चलेगा मुकदमा
2008 के मुंबई हमलों के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और 6 अन्य आरोपियों पर 166 लोगों की हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा चलेगा। पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला दिया।

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