हांगकांग की नेता कैरी लैम ने कहा है कि विधान परिषद में बिना किसी बहस और मतदान के प्रत्यर्पण विधेयक को औपचारिक रूप से वापस लिया जाएगा। लेकिन इस घोषणा के बाद भी आंदोलनकारी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। उनका कहना है कि कैरी लैम के इस्तीफे सहित उनकी सभी पांचें मांगें स्वीकार की जाएं, तभी आंदोलन वापस लिया जाएगा।
बिल वापसी के फैसले को चीन का समर्थन
लैम ने न्यूज कांफ्रेंस में कहा कि प्रत्यर्पण विधेयक वापस लेने का फैसला उनकी सरकार का है और इसे चीन की सरकार से भी समर्थन हासिल है। विधेयक की वापसी के बारे में जानकारी बुधवार को पहली बार दी गई थी। इस विधेयक के तहत हांगकांग के अपराधियों को चीन के मुख्य भूभाग में भेजने का प्रावधान था। इस प्रावधान के कारण समूचे हांगकांग में चीन विरोधी आंदोलन भड़क गया। स्थानीय सरकार ने पहले विधेयक को निलंबित करने की घोषणा की थी। लेकिन इससे आंदोलनकारी संतुष्ट नहीं हुए और आंदोलन बदस्तूर जारी रहा।
एक नहीं, सभी मागों पर अड़े प्रदर्शनकारी
विधेयक की वापसी से आंदोलनकारियों की पांच प्रमुख मांगों में से एक पूरी हो गई है। लेकिन आंदोलनकारियों ने अपनी सभी मांगें स्वीकार किए जाने तक पीछे न हटने की प्रतिबद्धता जतायी है। उनकी अन्य मागों में लैन का इस्तीफा, प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ज्यादतियों की निष्पक्ष जांच, गिरफ्तार नेताओं की बिना शर्त रिहाई और हांगकांग का नेता प्रत्यक्ष रूप से चुनने का अधिकार शामिल है। प्रत्यर्पण िवधेयक वापस लिए जाने के बाद भी हांगकांग में आंदोलन जारी रहा। आंदोलनकारियों ने कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि एक नहीं बल्कि उनकी सभी पांचों मांगें स्वीकार की जाएं। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने मोंग कॉक इलाके में पुलिस स्टेशन के निकट बैरियर लगा दिया। लेकि जैसे ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू की, वे भाग गए।
1200 लोगों की गिरफ्तारी अब तक
आंदोलन लंबा खिंचने के साथ पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हिंसक होने लगा। पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंके जबकि पुलिस ने पानी की बौछार, टियर गैस, रबर बुलेट और लाठियों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने 1200 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्वायत्तता घटने से नाराजगी
हांगकांग के अपराधियों को मुकदमे चलाने के लिए चीन भेजे जाने के प्रावधान को जनता ने स्वायत्तका घटने के तौर पर लिया। इसी वजह से आंदोलन भड़क गया। लोगों को लगता है कि एक समझौते के तहत 1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश हांगकांग चीन को सौंपे जाने के बाद उसकी स्वायत्तता घटी है।
आंदोलनकारियों की अन्य मांगों पर लैम ने कहा कि वह उन्हें स्वीकार नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस निगरानी एजेंसी पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायतों की निष्पक्ष जांच करेगी। गिरफ्तार आंदोलनकारियों को केस चलाए बगैर रिहा करना स्वीकार्य नहीं है।