नोबेल शांति पुरस्कार विजेदा और पाकिस्तान की शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कश्मीर पर ट्वीट किया तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। दरअसल, मलाला ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में शांति लाने और बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने में मदद करने की दिशा में काम करने की अपील की।
बच्चों को स्कूल भेजने में मदद करने की अपील
इससे पहले मलाला यूसुफजई ने लिखा था, ‘मैं संयुक्त राष्ट्र आम सभा (यूएनजीए) के नेताओं और अन्य लोगों से कश्मीर में शांति लाने की दिशा में काम करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और बच्चों को वापस स्कूल भेजने में मदद करने का अनुरोध कर रही हूं।’ 22 साल की मलाला ने कहा कि वह उन रिपोर्टों से चिंतित हैं जिनके अनुसार 40 दिन से ज्यादा वक्त से बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं। लड़कियां घर से निकलने में डर रही हैं।
संचार माध्यमों का भी मुद्दा उठाया
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं कश्मीर में रहने वाली लड़कियों से अभी सीधे बातचीत करना चाहती हूं। कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से लोगों की कहानियां जानने के लिए लोगों को काफी मुश्किल आ रही है। कश्मीरी दुनिया से कटे हुए हैं और वह अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं। कश्मीर को बोलने दो।’ हालांकि सच्चाई यह है कि कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो गए हैं। मोबाइल सेवा भी बहाल हो गई है।
पाक में अत्याचार नहीं दिख रहेः ट्वीटराइट्स
पिछले पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद घाटी में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। मलाला के ट्वीट के बाद लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। लोगों ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पाक सेना का अत्याचार नहीं दिखता, उन्हें वहां शांति की फिक्र नहीं है। लोगों ने प्रतिक्रिया दी कि पीओके में अत्याचार आपको नहीं दिखता है, वहां के बच्चों के हालात को लेकर आप चुप क्यों हैं।