प्यार की तलाश में सरहद पार पहुंचे मुंबई के युवक हामिद निहाल अंसारी का पता लगाने वाली पाकिस्तानी पत्रकार जीनत शहजादी मिल गईं हैं। 25 साल की फ्रीलांस जर्नलिस्ट जीनत अगस्त 2015 में लाहौर से रहस्यमय तरीके से लापता हो गईं थीं। उस समय वे हामिद की खबर पर काम रहीं थीं।
अखबार डॉन के मुताबिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से बुधवार रात उन्हें बरामद किया गया और शुक्रवार को वे अपने घर पहुंच गईं। पाकिस्तान मिसिंग पर्संस कमीशन के प्रमुख रिटायर्ड जस्टिस जावेद इकबाल के हवाले से बीबीसी उर्दू ने बताया है कि जीनत को विरोधी एजेंसियों ने अगवा कर लिया था। अफगान सीमा से उनकी रिहाई में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के बुजुर्ग कबायलियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंटरनेट पर एक पाकिस्तानी लड़की से दोस्ती होने के बाद 27 साल के भारतीय इंजीनियर हामिद ने 2012 में अवैध तरीके से अफगानिस्तान की सीमा से पाक में प्रवेश किया था। दाखिल होने के बाद से उसका कोई पता नहीं था। जीनत सोशल मीडिया के जरिए हामिद की मां फौजिया अंसारी के संपर्क में आईं थी। उन्होंने फौजिया की तरफ से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की मानवाधिकार सेल में आवेदन देकर हामिद का पता लगाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।
इसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को यह कबूल करना पड़ा कि हामिद उनकी हिरासत में है। इसी दौरान जीनत अचानक लापता हो गईं। उनके परिजनों और मानवाधिकार संगठनों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पर जीनत को अगवा करने का आरोप लगाया। जीनत के परिवार के लोगों ने बताया था कि लापता होने से पहले सुरक्षा बलों ने जबरन चार घंटे हिरासत में रखकर उनसे हामिद को लेकर पूछताछ की थी। बीते साल यह मामला उस समय भी सुर्खियों में आया था जब जीनत के 17 साल के भाई ने मार्च 2016 में आत्महत्या कर ली थी। वह बहन के लापता होने के बाद से अवसाद में था।
यह खबर ऐसे वक्त में आई है जब हामिद की रिहाई के लिए सरकार और मानवाधिकार संगठनों की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। 2015 में खबर आई थी कि पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने हामिद को जासूसी के आरोप में तीन साल जेल की सजा सुनाई है। हालांकि वह पांच साल से जेल में बंद है। बीते साल उस पर जेल में दो बार हमले भी हुए थे।