पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भारत की तरह वहां भी 1000 और 5000 रुपये के नोट बंद करने की मांग की है। पीपीपी के एक सांसद ने बाकायदा इसके लिए वहां की संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है। पीपीपी के सांसद उस्मान सैफुल्ला खान ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि बड़े नोट बंद करने जैसे कदम से पाकिस्तान को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सरकार की खराब टैक्स नीति के चलते देश में काले धन की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है और लोग बड़े नोट के रूप में इसे जमा कर रहे हैं। पाकिस्तानी संसद पहले ही सरकार से मांग कर चुकी है कि वह देश में काले धन की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए और एक हजार व पांच हजार के नोटों पर रोक लगाए।
सांसद सैफुल्ला ने कहा कि यह एकमात्र तरीका है जिससे लोग बैंकों में धन रखने की आदत डालेंगे और काले धन को चोट पहुंचेगी। गुरुवार को संसद की वित्तीय मामलों की स्थायी समिति के समक्ष भी सांसद सैफुल्ला खान ने अपनी इस बात को रखा। गौरतलब है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के विरोध के बावजूद पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की सरकार के दौरान वहां पांच हजार रुपये के नोट का चलन शुरू किया गया था। लेकिन इतने साल गुजर जाने के बाद भी बाजार में पांच हजार के नोट का चलन बहुत कम है। लेकिन बैंकों से ये नोट जारी जरूर हो रहे हैं। इसी वजह से इस बात को दम मिलता है कि लोग इस बड़े नोट का इस्तेमाल काला धन रखने में कर रहे हैं।