विदेश विभाग की आतंकवाद पर वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्र (फाटा), पूर्वोत्तर खैबर पख्तूनख्वाह और दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान उन आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बने हुए हैं जो स्थानीय, क्षेत्रीय और वैश्विक हमलों की फिराक में रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) लश्कर-ए-झांगवी और दूसरे आतंकवादी समूह पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र में अपनी गतिविधियों की योजना के लिए इन पनाहगाहों का फायदा उठाते हैं। इसके मुताबिक साल 2014 में उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी और खैबर एजेंसी में पाकिस्तान ने आतंकवादियों की पनाहगाहों, उनके बुनियादी ढांचों और संचार नेटवर्क को तबाह करने के लिए सैन्य अभियान शुरू किया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘इन सैन्य अभियानों का टीटीपी की सुरक्षित शरणस्थलियों पर काफी असर हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र में कुछ आतंकी संगठन मुख्य रूप से अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।’ अमेरिका और पाकिस्तान नियमित तौर पर आतंकवाद विरोधी अभियान और आतंकवादियों के खात्मे के लिए सीमा नियंत्रण प्रयासों पर चर्चा करते रहते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में आतंकवादियों के जनसंहारक हथियारों तक पहुंचने की आशंका, हथियारों का प्रसार और आतंकवाद चिंता का विषय बने हुए हैं।
इसमें कहा गया है, पाकिस्तान परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक की प्रक्रिया और परमाणु आतंकवाद का मुकाबला करने की वैश्विक पहल में रचनात्मक और सक्रिय भागीदार है तथा उसने अपने रणनीतिक व्यापार नियंत्रण को मजबूत करने का काम किया है।