काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। इस हमले में कनाडा के दूतावास में सुरक्षा गार्ड के तौर पर तैनात 14 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई। यह हमला एक मिनी बस को निशाना बनाकर किया गया। दूसरा विस्फोट एक स्थानीय नेता को निशाना बनाकर किया गया। गृह मंत्रालय ने बताया कि इस धमाके में एक व्यक्ति मारा गया और पांच अन्य घायल हो गए। काबुल में हुए इन दो धमाकों के बाद अफगानिस्तान के बदखशान प्रांत के एक बाजार में धमाका हुआ जिसमें कम से कम आठ लोग मारे गए और 18 घायल हो गए।
काबुल में मिनी बस को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट के बारे में पुलिस ने कहा कि काबुल से जलालाबाद शहर की ओर जाने वाले मुख्यमार्ग पर यह हमला सुबह छह बजे से पहले किया गया। हमलावर पैदल आया था। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इन हमलों में 14 विदेशी लोग मारे गए। ये सभी नेपाल के नागरिक थे। मंत्रालय ने कहा कि वह इस हमले की कड़ी निंदा करता है। नाम उजागर न करने की शर्त पर एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ये सुरक्षाकर्मी काबुल में पश्चिमी देशों के दूतावासों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने वाली कंपनी के कर्मचारी थे। मंत्रालय ने बताया कि इस हमले में पांच नेपाली और चार अफगान लोगों समेत नौ अन्य लोग घायल हो गए थे।
विस्फोट की आवाज पूरे काबुल में सुनी जा सकती थी। जलालाबाद मार्ग पर विस्फोट वाले स्थान से धुंए का गुबार उठते देखा गया। इस मुख्य मार्ग पर कई विदेशी परिसर और सैन्य प्रतिष्ठान हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के एक पत्रकार ने कहा कि दो दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई थीं और पुलिस ने सड़क को अवरूद्ध कर दिया था। विस्फोट स्थल के पास की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा था। खिड़कियों के शीशे चटक गए थे। तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह हमला अफगानिस्तान पर आक्रमण करने वाले बलों के खिलाफ है।