पाकिस्तानी सेना ने अपने देश के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कम से कम तीन आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने के भारतीय सेना के दावे को ‘झूठा’ बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही ये भी कहा कि भारत अपने दावों को ‘सही साबित’ करने के लिए किसी भी विदेशी राजनयिक या मीडिया को घटनास्थल पर ला सकता है।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने रविवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर के तंगधार और केरन सेक्टर के दूसरी तरफ भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में छह से 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और तीन आतंकवादी शिविर नष्ट कर दिए गए।
पाकिस्तान ने जताई भारतीय सेना प्रमुख के दावे पर निराशा
इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आधी रात को ट्वीट करके भारतीय सेना प्रमुख के दावे पर निराशा जताते हुए कहा, ‘भारतीय सेना प्रमुख का यह बयान निराशाजनक है क्योंकि वह बहुत जिम्मेदारी वाले पद पर हैं।’
‘पाकिस्तान में भारतीय दूतावास का स्वागत है’
आसिफ गफूर ने कहा, ‘निशाना बनाने की बात छोड़िए, वहां कोई शिविर ही नहीं है। पाकिस्तान में भारतीय दूतावास का स्वागत है कि वह किसी भी विदेशी राजनयिक/मीडिया को लाकर इस बात को ‘साबित’ कर सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ भारतीय सैन्य नेतृत्व के, खासकर पुलवामा की घटना के बाद से झूठे दावों की प्रवृत्ति क्षेत्र में शांति के लिए नुकसानदेह है।’
गफूर ने कहा, ‘भारतीय सेना निहित घरेलू हितों को साधने के लिए इस प्रकार के झूठे दावे कर रही है। यह पेशेवर सैन्य लोकाचार के खिलाफ है।’
‘आतंकियों के बुनियादी ढांचे को जवाबी कार्रवाई में खासा नुकसान पहुंचा’
दरअसल, भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात करते हुए कहा था कि भारतीय सैनिकों की कार्रवाई में एक अन्य आतंकी शिविर को गंभीर नुकसान पहुंचा है। साथ ही, नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को जवाबी कार्रवाई में खासा नुकसान पहुंचा है।
आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया- सेना प्रमुख
एक सवाल का जवाब देते हुए सेना प्रमुख ने कहा था कि सुरक्षाबलों ने अथमुकाम, कुडल शाही और जुरा में आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया और सेना के पास लीपा घाटी में एक कैंप के बारे में भी सूचना थी। उन्होंने कहा था, 'इन कैंपों के बारे में हमारे पास सूचना थी जिसे हमने निशाना बनाया और उनका समर्थन करने वाले लोग, पाकिस्तानी चौकियां भी हमारी जवाबी कार्रवाई की जद में आए’।
सेना प्रमुख ने कहा था कि पाकिस्तान अगर ऐसी गतिविधियां जारी रखेगा तो भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई से नहीं हिचकिचाएगी। जनरल रावत ने कहा था कि हाल में सेना को सूचना मिली थी कि आतंकवादी अग्रिम इलाके में कैंप के करीब आ रहे हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले एक महीने में गुरेज, केरन, माचिल सेक्टरों और पीर पंजाल के दक्षिण में बार-बार घुसपैठ की कोशिशें की गईं। पाकिस्तानी सैनिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने के लिए संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहे थे।
‘हमारे सुरक्षाबलों ने आतंकियों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया’
जरनल रावत ने कहा था कि सेना को मिली ठोस सूचना के बाद सीमा पार आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। सेना प्रमुख ने कहा था, 'वे घुसपैठ करने का प्रयास करते इससे पहले ही हमने आतंकी कैंपों को निशाना बनाने का फैसला किया। हमारे पास ठोस सूचना थी और जवाबी कार्रवाई में हमारे सुरक्षाबलों ने (एलओसी के) उस पार आतंकियों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया’। जवाबी कार्रवाई पर सेना प्रमुख ने कहा था कि अब दूसरी तरफ खामोशी छाई है क्योंकि एलओसी के पार से हमें मोबाइल संचार के संकेत नहीं मिले हैं। इसका तात्पर्य हताहत, नुकसान से है, पाकिस्तानी सेना इसे सामने नहीं लाना चाहती।