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पाक संसद की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू, अविश्वास प्रस्ताव पर अब तक वोटिंग नहीं, मरियम नवाज ने इमरान पर बोला हमला

पाकिस्तान की सियासत के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा था, क्योंकि नेशनल असेंबली में आज अविश्वास...
पाक संसद की कार्यवाही एक बार फिर से शुरू, अविश्वास प्रस्ताव पर अब तक वोटिंग नहीं, मरियम नवाज ने इमरान पर बोला हमला

पाकिस्तान की सियासत के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा था, क्योंकि नेशनल असेंबली में आज अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी। लेकिन अब तक वोटिंग नहीं हुई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष के नेता शहबाज खान ने स्पीकर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने और संविधान के साथ खड़े रहने का अनुरोध किया था। इसके बाद विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इमरान खान सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्षी दलों पर विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया। जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया और स्पीकर ने कार्यवाही स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे और भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। जियो न्यूज़ के मुताबिक, आधे घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी पाक संसद की कार्यवाही दोबारा शुरू होने में देरी हो रही है। पाकिस्तान असेंबली की कार्यवाही बीते आधे घंटे के बाद भी शुरू नहीं हो सकी। इस बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने इमरान खान पर हमला बोला है। मरियम नवाज शरीफ ने कहा कि एक व्यक्ति जो अपने होश में नहीं है, उसे कहर बरपाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, यह मजाक नहीं है। उन्हें पीएम या पूर्व पीएम के रूप में स्वीकार्यता नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें एक मनोरोगी के रूप में माना जाना चाहिए जो सिर्फ खुद को बचान के पूरे देश को बंधक बना रहा है।

वहीं, नेशनल असेंबली डेढ़ घंटे से भी अधिक स्थगित होने के बाद कार्यवाही एक बार फिर से शुरू हो गई है। सदन की कार्यवाही को डेढ़ घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन समय अवधि पूरा होने के बाद भी कार्यवाही शुरू नहीं हुई थी। बता दें कि अमजद अली खान अध्यक्षता कर रहे हैं। अब कार्यवाही शुरू होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि हमने कभी वार्ता से इनकार नहीं किया है। हमारे पीएम ने हमेशा कहा है कि अगर वह (भारत) शांति का एक कदम लेगा तो हम दो लेंगे। वहां (भारत में) जो हिंदुत्व की सोच आई हुई है, जो आरएसएस की सोच दिल्ली में काबिज है वह वार्ता नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि वह कश्मीरियों को जकड़े रखना चाहती है। वह जुल्म की चक्की में कश्मीरियों को पीसना चाहती है।

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के रूस दौरे को लेकर नेशनल असेंबली में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, मैं पटल पर लाना चाहता हूं कि अमेरिका के एनएसए ने हमारे एनएसए को कॉल कर न जाने के लिए कहा। मुझे बताएं कि ऐसा कहां होता है कि एक संप्रभु देश को उसके द्विपक्षीय दौरे से रोका जाए?  

बता दें कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इमरान को सत्ता बचाने के लिए 172 का जादुई आंकड़ा छूना होगा। वहीं विपक्षी दल ने भी कमर कस ली है। 

नेशनल असेंबली की कार्यवाही के दौरान विदेश मंत्री और पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है, और इसका बचाव करना सरकार का कर्तव्य है।पाकिस्तान के नेता विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि कल जब कोर्ट ने इमरान खान और डिप्टी स्पीकर के फैसले को रद्द किया तो पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन किया गया था। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है कि आज आप उसके हिसाब से कार्यवाही शुरू करेंगे। मैं विपक्ष की एकता को सलाम करता हूं। आज संसद पीएम को हटाने जा रही है. इमरान खान  एक सिलेक्टेड पीएम हैं। स्पीकर साहब आप कोर्ट के आदेश को नही मान रहे हैं।

वहीं, न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के केंद्रीय सूचना और कानून मंत्री फवाद चौधरी ने दावा किया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर अगले सप्ताह मतदान होना था।

 पाकिस्तान की संसद कार्यवाही से पहले विपक्ष ने बैठक की । मिली जानकारी के मुताबिक विपक्ष की बैठक में पहुंचे शहबाज शरीफ का तालियों के साथ स्वागत किया गया। जानकारी के मुताबिक, वोटिंग से पहले शुरू हुई विपक्ष के नेताओं की बैठक, कुल 175 सासंद मौजूद रहे।

इमरान खान की पार्टी के सांसद फैसल जावेद खान ने असेंबली शुरू होने से पहले ट्वीट कर कहा है कि कप्तान (इमरान खान) अपने लोगों के साथ खड़े रहेंगे। फैसल ने लिखा की कप्तान कभी भी अपने लोगों को निराश नहीं करते हैं और वह आगे भी किसी को निराश नहीं करेंगे। 

इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सचिवालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आज सुबह अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सत्र आयोजित करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश तब जारी किया गया जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को डिप्टी स्पीकर के उस फैसले को पलट दिया था जिसमें इमरान खान की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया गया था।

अदालत ने अविश्वास मत खारिज किए जाने के बाद के उठाए गए सभी कदमों को रद्द कर दिया। साथ ही नेशनल असेंबली को बहाल कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नेशनल असेंबली अध्यक्ष वर्तमान सत्र में विधानसभा की बैठक बुलाने और आयोजित करने के लिए कर्तव्य के अधीन है।

वहीं, इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से विपक्ष की एकता को दरकिनार करते हुए अंतिम गेंद तक लड़ने का संकल्प लिया। इमरान खान ने कहा था हमारे देश के लिए मेरा संदेश है कि मैं आखिरी गेंद तक पाकिस्तान के लिए हमेशा लड़ता रहा हूं और लड़ता रहूंगा।

इधर, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से कुछ घंटे पहले, राष्ट्र के नाम एक संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  ने अपने समर्थकों से रविवार शाम को उनके साथ सड़क पर उतरने का आह्वान किया था। समर्थकों से उन्होंने कहा था कि ‘‘नयी आयातित सरकार'' के सत्ता में आने पर वे रविवार को देशभर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करें।

इमरान खान ने कहा था कि वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव मामले में गुरुवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश का हाथ होने की जांच नहीं की।

न ही इस बारे में मौजूद सुबूतों को देखा। उन्होंने देश की जनता से अपील की कि रविवार को पूरे देश में प्रदर्शन करें। शुक्रवार रात इमरान ने देश की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि मैं सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका की इज्जत करता हूं लेकिन शीर्ष अदालत को फैसला देने से पहले धमकी वाले पत्र को देखना चाहिए था।

खान ने फिर से अपना आरोप दोहराया कि उनके रूस दौरे के कारण अमेरिकी राजनयिक ने पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की चेतावनी दी थी और कहा था कि यदि इमरान हटते हैं तो पाकिस्तान को माफ किया जाएगा अन्यथा परिणाम भुगतना होगा। हमारी विपक्षी पार्टियां पूरी तरह से अमेरिका के नियंत्रण में हैं।

खान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान में भेड़ बकरियों की तरह नेताओं की खरीद फरोख्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में इस कल्चर की शुरुआत शरीफ भाइयों ने की थी। पाकिस्तान में डेमोक्रेसी का मजाक बन गया है।

खान ने कहा था कि लोकतंत्र की रक्षा फौज नहीं कर सकती। कौम को खुद लोकतंत्र को बचाना होगा। मुल्क की संप्रभुता जनता के हाथ में है। संप्रभुता पर जो हमला हुआ है जनता लोकतंत्रा और संप्रभुता की रक्षा करे। उन्होंने फिर आह्वान किया कि रविवार को शांति से लोग सड़कों पर निकलें। मैं जनता के साथ संघर्ष करूंगा। एक बार फिर भारत की तारीफ करते हुए उऩ्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति आजाद है। हिंदुस्तान एक खुद्दार देश है। किसी सुपरपावर की हिम्मत नहीं, उसके खिलाफ साजिश ऱचे। उन्होंने कहा था कि हमारी विदेश नीति आजाद होनी चाहिए। हमारी विदेश नीति भारत जैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के खिलाफ किसी भी दूसरे देश को राजदूत की हिम्मत नहीं कि वो उसके खिलाफ कुछ भी कह सके।

बता दें कि प्रधानमंत्री खान को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों को 342 सदस्यीय सदन में 172 सदस्यों की आवश्यकता है और पहले से ही उन्होंने जरूरत से ज्यादा संख्या बल दिखाया है। अब खान के सामने पाकिस्तान के इतिहास में पहला ऐसा प्रधानमंत्री होने की संभावना है जिनको अविश्वास प्रस्ताव से बाहर किया जा सकता है।

क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय खान 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ 2018 में सत्ता में आए थे, लेकिन जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था।

बता दें कि अब तक पाकिस्तान के इतिहास में कोई भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सूरी ने तीन अप्रैल को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

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