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परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा, राजद्रोह मामले में पाकिस्तान की विशेष अदालत का फैसला

पाकिस्तान के पूर्व मिलिट्री शासक परवेज मुशर्रफ को वहां की विशेष अदालत ने राजद्रोह के केस में मौत की...
परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा, राजद्रोह मामले में पाकिस्तान की विशेष अदालत का फैसला

पाकिस्तान के पूर्व मिलिट्री शासक परवेज मुशर्रफ को वहां की विशेष अदालत ने राजद्रोह के केस में मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी अदालत ने पूर्व सैन्य शासक को मौत की सजा देने का ऐलान किया है। मुशर्रफ 2016 से ही पाकिस्तान नहीं लौटे हैं। वह चिकित्सा के लिए दुबई चले गए थे। बार-बार सम्मन भेजने पर भी वह वापस नहीं आए तो अदालत ने उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित करके गिरफ्तारी का भी आदेश दिया था।

अदालत का फैसला 2-1 के मत से विभाजित 

पेशावर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश वकर अहमद सेठ, सिंध हाई कोर्ट के न्यायाधीश नजर अकबर और लाहौर हाई कोर्ट के शाहिद करीम की संयुक्त अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले में आज सजा का ऐलान किया। अदालत ने विभाजित फैसला सुनाया है। तीन सदस्यीय बेंच में दो जज मौत की सजा देने के पक्ष में थे जबकि एक जज इसके खिलाफ था। अदालत के फैसले का पूरा विवरण अगले 48 घंटे में घोषित किया जाएगा।

ये है मामला

विशेष अदालत ने इस महीने के शुरू में कहा था कि वह इस मामले में सजा की घोषणा 17 दिसंबर को करेगी। अदालत ने 76 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ अदालती कार्रवाई 19 नवंबर को पूरी की थी। 3 नवंबर 2007 को पाकिस्तान में संविधान को निलंबित करके आपातकाल लागू करने के लिए मुशर्रफ पर राजद्रोह का केस चलाया गया है। पाकिस्तान की दंड व्यवस्था के अनुसार इस अपराध के लिए मौत की सजा दी जा सकती है।

अदालत को रिकॉर्ड की उपलब्धता के आधार पर 28 नवंबर को फैसला सुनाना था लेकिन इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने फैसले की घोषणा के खिलाफ इमरान खान सरकार की याचिका के बाद फैसला टाल दिया था।

2013 से लंबित था मामला

मुशर्रफ 2016 से स्वनिष्कासन के तहत दुबई में रह रहे हैं। वह चिकित्सा और स्वास्थ्य के आधा पर देश में वापस नहीं आए। इस केस के सिलसिले में वह वांछित आरोपी हैं। पूर्व सैन्य शासक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दिसंबर 2013 से ही लंबित था। उनके खिलाफ यह केस उसी समय दर्ज किया गया था।

चिकित्सा के आधार पर विदेश चले गए

मुशर्रफ को 31 मार्च 2014 को आरोपी बनाया गया था। अभियोजन पक्ष ने विशेष अदालत में उनके खिलाफ इसी साल सितंबर में केस के सिलसिले में सबूत पेश किये।  लेकिन अपीलीय मंचों पर मामला जाने के कारण मुशर्रफ के खिलाफ अदालती कार्रवाई लंबित रही। इस बीच, वह मार्च 2016 में चिकित्सा के आधार पर पाकिस्तान छोड़कर चले गए।

भगोड़ा घोषित होने के बाद गिरफ्तारी का आदेश

बार-बार सम्मन भेजे जाने के बावजूद जब मुशर्रफ अदालत में पेश नहीं हुए तो उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया। अदालत ने फेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया था।

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