पाकिस्तान के कराची में 40 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम जकी को शनिवार रात चार हथियारबंद लोगों ने उस वक्त गोली मार दी जब वह न्यू कराची के सेक्टर 11 के एक रेस्तरां से भोजन करके लौट रहे थे। हमलावर दो मोटरसाइकिलों से पहुंचे थे। इस हमले में पत्रकार राव खालिद और एक अन्य राहगीर असलम गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल ले जाया गया जहां खालिद की मौत हो गई। हमले के समय खालिद उनके साथ थे। तालिबान के हकीमुल्ला महसूद धड़े ने मीडिया को बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है। समूह ने कहा कि लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज पर अपने विचारों को लेकर जकी निशाने पर थे। हालांकि पुलिस ने तालिबान के धड़े के दावे की पुष्टि नहीं की है।
एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि यह सुनियोजित हत्या और जातीय हमले का मामला हो सकता है क्योंकि मारे गए दोनों व्यक्तियों का ताल्लुक शिया समुदाय से है। पूर्व पत्रकर जकी पाकिस्तान में मानवाधिकार के बड़े पैरोकार और उदारवादी धार्मिक विचारों का प्रसार करने वाले के तौर पर उभरे थे। उन्होंने लेट अस बिल्ड पाकिस्तान (एलयूबीपी) नामक फेसबुक पेज की भी शुरूआत की थी और मानवाधिकार को समर्पित एक वेबसाइट के संपादक बन गए थे। हाल ही में पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने देश के लोगों के लिए इस फेसबुक पेज को ब्लॉक कर दिया था। एलयूबीपी के प्रधान संपादक अली अब्बास ताज ने एक बयान में कहा, बीते एक साल से खुर्रम जकी देवबंदी धड़े, जमात-ए-इस्लामी के शम्सुद्दीन अमजद एवं प्रतिबंधित सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान के गठजोड़ वाले व्यवस्थागत घृणा अभियान के निशाने पर थे।
ताज ने कहा, खुर्रम जकी के खिलाफ घृणा और हिंसा फैलाने वाले पोस्टर मशाल नामक फेसबुक पेज पर लगाए गए थे। इस पेज का संचालन शम्सुद्दीन अमजद, असद वासिफ और कुछ दूसरे तालिबान समर्थक धड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्वेटा के इरफान खुदी अली के बाद जकी एलयूबीपी की संपादकीय टीम के दूसरे सदस्य हैं जिनकी देवबंदी चरमपंथियों ने हत्या की है। जकी सभी तरह के चरमपंथ की निंदा करते थे और वह उस वक्त सुर्खियों में आए जब उन्होंने शिया समुदाय के खिलाफ नफरत भड़काने वाले लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल अजीज के विरूद्ध अभियान का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में चले अभियान का नतीजा रहा कि अजीज के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सिंध के गृह मंत्री सुहैल अनवर सियाल ने जकी की हत्या के मामले की जांच का आदेश दिया है और 48 घंटे के भीतर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। इस घटना के बाद प्रदर्शनकारी जकी के शव को लेकर मुख्यमंत्री के आवास के पास पहुंचे और धरना दिया।