नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच अगले सप्ताह नई दिल्ली में प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक से पहले पाकिस्तान ने एक नया पैंतरा चला है। इस प्रस्तावित बातचीत के लिए पाकिस्तानी उच्चायोग ने कश्मीरी अलगाववादियों को विचार विमर्श के लिए बुलाया है। पाकिस्तान उच्चायोग ने इस विचार विमर्श के लिए हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्षों समेत अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किया है। इस खबर की पुष्टि करते हुए गिलानी के नेतृत्व वाले धड़े के प्रवक्ता अयाज अकबर बताया है कि अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं मीरवाइज उमर फारुक की अगुवाई वाले उदारवादी धड़े को भी अजीज के भारत दौरे के दौरान उनसे मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है।
भारत ने पिछले साल पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बैठक को पाक उच्चायोग द्वारा अलगाववादी नेताओं से बातचीत करने की वजह से रद्द कर दिया था। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाक समकक्ष नवाज शरीफ के बीच पिछले महिने रूस के उफा हुई मुलाकात में लिए गए निर्णय के अनुसार होना है। रूस में आंतकवाद से जुड़े मुद्दों पर बातचीत के लिए हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पहली बार मिलेंगे।
उम्मीद जताई जा रही है कि एनएसए स्तर की वार्ता में भारत पंजाब और जम्मू कश्मीर में हुए हाल के आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका से जुड़े सबूत पेश करेगा। उधमपुर में पकड़े गए आतंकी नावेद द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों से यह साबित किया जाएगा कि वह पाकिस्तानी नागरिक है और भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए सीमा पार कर इस तरफ आया था।