भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने लाहौर के फव्वारा चौक पर कल मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया था। फव्वारा चौक पर ही तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को 23 मार्च 1931 को फांसी पर लटकाया गया था। कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और ब्रितानी महारानी से आग्रह किया कि वे शादमान चौक का दौरा करें और इन तीनों की हत्या के लिए लोगों से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे।
एक प्रस्ताव को स्वीकार करते हुये कार्यकर्ताओं ने मांग की कि महारानी को अन्यायपूर्ण हत्याओं के लिए आर्थिक क्षतिपूर्ति देने के अलावा भारत और पाकिस्तान तथा स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों से माफी भी मांगनी चाहिये।
इस मौके पर भगत सिंह के परिवार के कुछ सदस्यों ने कनाडा और भारत से टेलीफोन पर भाषण भी दिया।
भगत सिंह फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष अब्दुल्ला मलिक ने कहा, हम शहीद भगत सिंह और उनके साथियों के साहस और बलिदान को नहीं भूलेंगे। सिंह की आवाज प्रत्येक साम्राज्यवादी शासन के खिलाफ गूंजती रहेगी।
उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान ना करने और शादमान चौक का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह चौक ना करने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की।
भाषा