जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ युद्ध की बात की है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ पारंपरिक युद्ध में पाकिस्तान को हार मिल सकती है। लेकिन पाकिस्तान अंत तक लड़ेगा। इमरान ने इशारों में दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की संभावना जताई। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रयासों के बाद कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए खान पिछले कई हफ्तों से अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बात कर रहे हैं।
अल जजीरा से बात करते हुए इमरान खान ने खुद को शांतिवादी बताया। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से युद्ध के खिलाफ रहा हूं। मेरा मानना है कि युद्ध किसी समस्या को नहीं सुलझाता। चाहे वियतनाम की लड़ाई देख लीजिए या इराक की। युद्ध के कारण कुछ अन्य समस्याएं जरूर खड़ी हो गईं जो कि उन परेशानियों से अधिक बड़ी हैं, जिसके लिए युद्ध लड़ा गया।” पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि पाक कभी भी परमाणु युद्ध शुरू नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, "कोई भ्रम नहीं है। मैंने जो कहा है वह यह है कि पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध शुरू नहीं करेगा। मैं शांतिवादी हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं।”
‘पाकिस्तानी अंत तक लड़ाई लड़ते हैं...’
हालांकि, खान ने परमाणु युद्ध की संभावना भी जताई है। उन्होंने कहा, “यदि कोई देश पारंपरिक युद्ध में हारने लगता है तो उसके पास दो ही विकल्प होते हैं, या तो वह आत्मसमर्पण करे और या फिर अंत तक आजादी की लड़ाई लड़े। पाकिस्तानी अंत तक लड़ाई लड़ते हैं। मुझे पता है कि पाकिस्तान मौत से लड़ेगा। इसलिए जब परमाणु शक्ति से संपन्न देश लड़ेंगे तो इसके अपने नतीजे होंगे।”
‘इसलिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया’
खान ने कहा, "यही कारण है कि हमने संयुक्त राष्ट्र से संपर्क किया है, और हर अंतरराष्ट्रीय मंच से संपर्क कर रहे हैं, कि उन्हें अभी कार्य करना चाहिए, क्योंकि यह (कश्मीर) एक संभावित आपदा है जो भारतीय उपमहाद्वीप से आगे जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ "अब संवाद की कोई संभावना नहीं है" उन्होंने कहा कि यदि कश्मीर मुद्दे का समाधान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा नहीं किया जाता है तो यह "विश्व व्यापार को प्रभावित कर सकता है"।
‘भारत से बातचीत के लिए कुछ नहीं बचा’
इमरान इससे पहले भी भारत के साथ युद्ध को लेकर बयान दे चुके हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि अब मैं भारत से कोई चर्चा नहीं करूंगा, क्योंकि बातचीत के लिए कुछ बचा ही नहीं है। उन्होंने कश्मीर के हालात पर तनाव की बात करते हुए कहा था कि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों में युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसलिए दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए कि हम किन हालात का सामना कर रहे हैं।