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मध्य एशिया से भारत की नजदीकी पर पाकिस्तानी फौज और आईएसआई परेशान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे को लेकर पाकिस्तानी फौज और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई चिंता में है। उन दोनों संगठनों के अफसरों का मानना है कि भारतीय प्रधानमंत्री के विदेश दौरे में हुए समझौतों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान हाशिए पर आ गया है। अमेरिका के साथ भारत की नजदीकी पाकिस्तान का सिरदर्द बढ़ा ही रही थी। हाल में ईरान, कतर और अफगानिस्तान के दौरों में भारत ने जो हासिल किया है, उससे पाकिस्तानी एजेंसियां चिंतित हैं।
मध्य एशिया से भारत की नजदीकी पर पाकिस्तानी फौज और आईएसआई परेशान

ईरान में चाबहार बंदरगाह निर्माण होने से ग्वादर बंदरगाह का महत्व घट जाएगा। ग्वादर बंदरगाह को चीन और पाकिस्तान मिलकर बना रहे हैं। जबकि, चाबहार का निर्माण भारत कर रहा है। इस बंदरगाह के बन जाने से अफगानिस्तान के सड़क मार्गों तक ईरान होकर भारत की पहुंच बन जाएगी। भारत अफगानिस्तान में रेल नेटवर्क भी बना रहा है।

पाकिस्तान सेना के शीर्ष कमान्डर लेफ्टिनेंट जनरल यासिन मलिक और लेफ्टिनेंस जनरल नदीम लोदी और पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने पाकिस्तानी सेना के `स्ट्रेटजिक विजन इंस्टीट्यूट’ द्वारा `राष्ट्रीय सुरक्षा एवं दक्षिण एशिया में संतुलन’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार में ईरान, अफगानिस्तान, कतर और सऊदी अरब की भारत से बढ़ती नजदीकी को लेकर चिंता जताई। इन देशों के साथ बढ़ती नजदीकी को पाकिस्तान के लिए खतरा बताया गया।

पाकिस्तान का मानना है कि चाबहार समझौते से मध्य एशिया और तेल उत्पादक सभी देशों तक भारत की आसान पहुंच बन जाएगी। दूसरे, चाबहार बंदरगाह को यूरोपीय देशों का ट्रैफिक मिलेगा। ग्वादर को लेकर अधिकांश यूरोपीय देशों का रूख बेहद ठंडा रहा है।

दूसरी ओर, परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों की सूची में भारत की सदस्यता को लेकर अमेरिकी सक्रियता भी पाकिस्तान का सिरदर्द बढ़ा रही है। अमेरिका ने सोमवार को चीन के साथ इस मसले पर बातचीत शुरू की है। अमेरिकी विदेश सचिव जॉन कैरी और उनके प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग जाकर इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू की है।

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