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पाक की नजर में शिवसेना-आरएसएस- विश्व हिंदूू परिषद आतंकी संगठन

पाकिस्‍तान ने शिवसेना, आरएसएस और विश्व हिंदूू परिषद को आतंकी संगठन करार दिया है। भारत ने इसका विरोध तो किया है लेकिन पाक के इरादे पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। और तो आैैर पाक ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में असफल रहने पर भारत की कूटनीति की मजाक भी उड़ाया है।
पाक की नजर में शिवसेना-आरएसएस- विश्व हिंदूू परिषद आतंकी संगठन

भारत और पाकिस्तान के तनाव भरे रिश्तों में नया साल भी कोई नरम भाव नहीं डाल पा रहा है। पाकिस्तान ने ऐसे रुख के जरिए यह संकेत दिए हैं कि वह अब आक्रामक कूटनीति की आजमाइश करेगा। इसके पीछे पाकिस्तान को चीन व रूस की तरफ से मिल रहे समर्थन को बड़ी वजह माना जा रहा है।

यह पहला मौका है जब मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में भारत की कूटनीति के असफल होने पर पाकिस्तान की तरफ से प्रतिक्रिया जताई गई है। भारतीय कूटनीतिक से जुड़े लोग इसे पाकिस्तान के बढ़ते हौसले से जोड़ कर देख रहे हैं। चीन के विरोध की वजह से मौलाना अजहर पर भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगवाने में असफल रहा है। वैसे इसके पहले भी भारत की यह कोशिश तकनीकी वजहों से सफल नहीं हो पाई है लेकिन यह पहला अवसर है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर लंबी विज्ञप्ति जारी की है।

इसमें उल्टा भारत पर ही यह आरोप लगाया गया है कि वह आतंक को बढ़ावा दे रहा है। इस संदर्भ में कूलभूषण का हवाला देते हुए पाक ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ इस मामले को जल्द ही संयुक्त राष्ट्र में रखेगा और बताएगा कि किस तरह से भारत पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है।

इसके पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि, ''भारतीय सेना भारत के आतंकी संगठनों जैसे आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना, बजरंग दल के साथ मिल कर कश्मीर में जनसंख्या अनुपात को बदलने की कोशिश कर रही है।'' भारत ने इस बयान को पूरी तरह से बेबुनियाद करार दिया है।

भारत का कहना है कि पाकिस्तान पर जिस तरह से आतंकी संगठनों को पनाह देने पर वैश्विक दवाब बढ़ रहा है उसे देख कर ही वह इस तरह के अनर्गल बयान दे रहा है।लेकिन कूटनीतिक सूत्रों का मानना है कि यह चीन व रूस की तरफ से मिल रहे समर्थन का नतीजा है। चीन ने मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर साबित कर दिया है कि वह पाकिस्तान को मदद देने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

 

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