चित्राल घाटी में रहने वाले इस अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने दावा किया कि किशोरी को बहला-फुसलाकर इस्लाम में धर्मांतरण करा दिया गया। हालांकि जिले के एक अधिकारी ने बताया कि लड़की ने अदालत में बयान दर्ज कराया है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म बदला। लड़की के अपने परिवार में लौटने के बाद गुरुवार को मुसलमानों और कलाशा समुदाय के लोगों के बीच झड़प होने की खबर है। दरअसल जब वह घर लौटी तब यह खबर फैल गई कि उसे बहला-फुसलाकर और जबर्दस्ती इस्लाम में धर्मांतरण कराया गया। चश्मदीदों के अनुसार लड़की के लौटने के बाद उत्तरी चित्राल जिले के बंबुरात में सैकड़ों मुसलमानों की भीड़ ने कलाशा जनजाति के एक घर पर हमला कर दिया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागने पड़े।
चित्राल के उपायुक्त उस्मा वराइच ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और मुद्दा सुलझ गया है क्योंकि स्थानीय मुसलमानों एवं कलाशा लोग लड़की के फैसले का सम्मान करने पर राजी हो गए हैं। हालांकि कलाशा समुदाय के कुछ लोगों का अब भी दावा है कि लड़की का जबरन धर्मांतरण कराया गया है और उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। कलाशा समुदाय खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में चित्राल के बाम्बुराते, बिरीर और रामबुर क्षेत्र में रहता है। इस जनजाति की संख्या करीब 3000 है।