पांच जजों की बेंच में से तीन जजों ने कहा कि मामले में आगे जांच हो, जबकि बाकी दो जजों का कहना था कि शरीफ को अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। बता दें कि शरीफ के खिलाफ यह केस तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान और कुछ दूसरे लोगों की याचिका पर चला।
बता दें कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कल घोषणा की थी कि उसकी पांच सदस्यीय पीठ पनामा मामले पर फैसला देगी। इसकी शुरूआत तीन नवंबर को हुई थी और न्यायालय ने 23 फरवरी को कार्यवाही पूरी करने से पहले 35 सुनवाई की थीं।
दरअसल यह मामला लंदन में शरीफ के परिवार की कथित अवैध संपत्तियों के बारे में है,जिस पर पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख इमरान खान सहित अन्य लोगों ने एक जैसी याचिकाएं दायर की थी। ये संपत्तियां तब सामने आई थीं जब लीक दस्तावेजों के एक संग्रह पनामा पेपर्स में दिखाया गया था। जिसमें दिखाया गया था कि इसका प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।याचिकाओं में न्यायालय से अपील की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण शरीफ को अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य करार दिया जाए।
लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री को शायद अयोग्य करार नहीं देगी लेकिन वह ऐसी टिप्पणियां कर सकता है जिससे शरीफ पर पद छोड़ने का नैतिक दबाव बन जाए।वहीं पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने एक निजी टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि यदि फैसला शरीफ के खिलाफ जाता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।