उन्होंने यह भी कहा कि जब-तक कश्मीर मुद्दे को शामिल नहीं किया जाता, भारत के साथ कोई गंभीर वार्ता मुमकिन नहीं है। इस्लामाबाद में मीडिया को संबोधित करते हुए अजीज ने कहा कि क्या यह सोचा जा सकता है कि हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात जैसे मामूली आधार पर भारत एनएसए स्तर की पहली बैठक रद्द कर सकता है ? उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने रूस के उफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई सहमति को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित मुद्दों पर वार्ता के तौर-तरीकों का पता लगाने सहित तीन सूत्री एजेंडा का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि यह भारत है जिसने शर्त रखी कि हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात नहीं होनी चाहिए। भारत का रवैया पाकिस्तानी समारोह में मेहमानों की सूची नियंत्रित करने जैसा है।
सरताज अजीज ने कहा कि अगर वह भारत जाते हैं तो पाकिस्तान में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की गतिविधियों के सबूत वाली फाइल भी ले जाएंगे। अजीज ने कहा कि अगर मुझे नई दिल्ली में इन फाइलों को भारतीय एनएसए को सौंपने का मौका नहीं मिला तो मैं उम्मीद करता हूं कि मैं इसे अगले महीने न्यूयार्क में उन्हें दूंगा, अगर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वहां आते हैं। अजीज ने यह भी कहा कि हम हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर बहुत विचलित हैं। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। अजीज ने कहा कि कश्मीर उफा में सहमत एजेंडा का बेशक एक हिस्सा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उफा में सहमत एजेंडे से कोई भटकाव नहीं है। भारत यह गलत कह रहा है कि कश्मीर एजेंडा का हिस्सा नहीं है। किसी भी पक्ष से यह वार्ता रद्द होने की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम बिना किसी पूर्व शर्त के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जाने के लिए तैयार हैं। वैसे अजीज ने यह भी साफ कर दिया कि एनएसए स्तर की वार्ता में किसी बड़े नतीजे की उम्मीद किसी को नहीं करनी चाहिए लेकिन यह मुद्दों के समाधान के लिए तंत्र के विकास में मदद कर सकती है।