नेपाल पुलिस ने काठमांडू में बताया कि कल देर रात उन्होंने सपतारी जिले के पूर्व पश्चिम राजमार्ग पर नाकेबंदी करने वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट के कैडरों को हटाने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर पेट्रोल बमों और ईंटों से हमला कर दिया। हिंसक संघर्ष के बाद इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया ताकि राजमार्ग पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही रहे। इन संघर्षों में कम से कम 17 प्रदर्शनकारी और 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पांच प्रदर्शनकारियों और दो पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई जाती है।
सपतारी जिला पुलिस कार्यालय के प्रमुख भीम ढकाल ने बताया कि करीब 2500 प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा कर्मियों पर पथराव किया जिसके बाद संघर्ष की स्थिति आई। ढकाल को काठमांडू पोस्ट ने यह कहते हुए छापा गया किया है प्रदर्शनकरियों ने देशी हथियारों से सुरक्षा कर्मियोें पर हमला शुरू किया जिसके बाद उन्हें खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
मधेसी नेपाल के तराई क्षेत्र में रह रहे भारतीय मूल के लोग हैं जो नए संविधान में सात प्रांतों में अपनी पैतृक जमीन के विभाजन का विरोध कर रहे हैं। इस हिंसक आंदोलन में अब तक 40 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हिमालयी देश के लिए सामान और ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से भारत-नेपाल के संबंधों पर भी बुरा असर पड़ा है। मधेसी समूहों के आंदोलन से नेपाल में आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। दवाओं की किल्लत की वजह से मरीजों की जान भी खतरे में है।