वर्तमान में नेपाली कांग्रेस के नेता सुशील कोइराला प्रधानमंत्री हैं और गठबंधन की सरकार में सीपीएन-यूएमएल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। फरवरी 2014 में जब कोइराला प्रधानमंत्री बने थे तब इस बात पर सहमति बनी थी कि संविधान निर्माण का काम पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री का पद सीपीएन-यूएमएल को दे दिया जाएगा।
सीपीएन-यूएमएल के नेता होनेे के नाते प्रधानमंत्री पद पर ओली की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। आउटलुक से बातचीत में ओली कहते हैं कि पहले संविधान तैयार हो जाए उसके बाद तय किया जाएगा कि किसको क्या पद मिलेगा। ओली सीधे-सीधे प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर कोई चर्चा नहीं करते लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता संविधान को लागू कराने की है।
ओली के मुताबिक नेपाल के सभी बड़े राजनीतिक दलों ने सहमति दे दी है ताकि जल्द से जल्द संविधान निर्माण का काम पूरा हो सके। गौरतलब है कि संविधान का पहला मसौदा तैयार हो गया है। इसे मसौदा समिति ने मंजूरी दे दी है। इसके लागू हो जाने पर नेपाल संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश बन जाएगा। नए संविधान के तहत नेपाल बहुलवादी व बहुदलीय सिद्धांत पर आधारित लोकतंत्र होगा और इस प्रावधान को बदलने के लिए संविधान में कोई संशोधन नहीं किया जा सकेगा। अन्य सामान्य प्रावधानों में संशोधन दो तिहाई वोट से हो सकेगा। संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता के साथ धर्मनिरपेक्षता को अपनाया गया है।