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सूडान गृहयुद्ध: दारफुर में हिंसक झड़पों में 57 लोगों की मौत, खार्तूम पर सेना का दोबारा कब्जा

सूडान के दारफुर क्षेत्र के अल-फाशेर शहर में अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) और नियमित सेना के बीच...
सूडान गृहयुद्ध: दारफुर में हिंसक झड़पों में 57 लोगों की मौत, खार्तूम पर सेना का दोबारा कब्जा

सूडान के दारफुर क्षेत्र के अल-फाशेर शहर में अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) और नियमित सेना के बीच हुई भीषण झड़पों और गोलाबारी में कम से कम 57 लोगों की मौत हो गई है। एएफपी न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह जानकारी एक चिकित्सा स्रोत और एक स्वयंसेवी सहायता समूह ने गुरुवार को दी।

स्वयंसेवी सहायता समूह प्रतिरोध समिति ने बताया कि बुधवार को RSF द्वारा शहर में की गई भारी गोलाबारी और हमले में कई नागरिक मारे गए। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अर्धसैनिक बलों और सेना के बीच अप्रैल 2023 से चल रहे युद्ध में हाल के हफ्तों में दारफुर क्षेत्र में टकराव और बढ़ गया है।

अप्रैल 2023 में सूडान में गृह युद्ध तब शुरू हुआ जब सेना और RSF दोनों ने सत्ता हथियाने की कोशिश में एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उसी दौरान सेना को राजधानी खार्तूम से हटकर लाल सागर के किनारे बसे शहर पोर्ट सूडान में स्थानांतरित होना पड़ा।

इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से लगभग 12 मिलियन से अधिक सूडानी नागरिकों को खार्तूम और अन्य क्षेत्रों से पलायन करना पड़ा है। इसके अतिरिक्त अब तक युद्ध में लगभग 28,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने सूडानी गृह युद्ध को दुनिया की “सबसे भीषण मानवीय आपदा” कहा है। देश के कई हिस्से भुखमरी व अकाल की चपेट में हैं। भोजन, पानी और दवाइयों की भारी कमी ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।

लगातार बढ़ते तनाव ने सूडान को लगभग दो भागों में विभाजित कर दिया है। सेना अब देश के केंद्र, उत्तर और पूर्वी भागों पर नियंत्रण रखती है, जबकि RSF ने दारफुर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ दक्षिणी सूडान के कुछ हिस्सों को अपने सहयोगियों की मदद से अपने कब्जे में ले लिया है।

हाल ही में मार्च 2025 में, सूडानी सेना ने दावा किया कि उन्होंने RSF से नियंत्रण लेते हुए राजधानी खार्तूम पर दोबारा कब्जा कर लिया है। सेना प्रमुख जनरल अब्दुल फतह अल-बुरहान ने गुरुवार को एक वीडियो जारी करते हुए घोषणा की कि “खार्तूम स्वतंत्र है।”

इस वीडियो में बुरहान को खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते हुए देखा गया। यह राजधानी में सेना की पहली वापसी मानी जा रही है। वीडियो में उन्हें जमीन को चूमते और सैनिकों के सामने विजय का प्रतीक स्वरूप अपनी मुट्ठी हवा में उठाते हुए देखा गया।

खार्तूम पर दोबारा कब्जे की घोषणा के बाद सेना नियंत्रित सरकार के प्रवक्ता और सूचना मंत्री खालिद अलीसर ने भी सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “यह सूडान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक क्षण है। खार्तूम स्वतंत्र है, जैसा कि होना चाहिए।”

सेना ने इसके बाद राजधानी खार्तूम से सटे शहर ओमडुरमान के कुछ हिस्सों पर भी गोलाबारी शुरू की है। ओमडुरमान को खार्तूम का जुड़वां शहर माना जाता है और यहां से भी RSF को खदेड़ने की कोशिशें जारी हैं।

हालांकि, RSF अब भी ओमडुरमान, पश्चिमी सूडान के दारफुर क्षेत्र और देश के अन्य कुछ हिस्सों में मौजूद है और इन क्षेत्रों पर उसका कब्जा बना हुआ है।

युद्ध के दो साल पूरे होने के बाद भी शांति की कोई ठोस पहल दिखाई नहीं दे रही है।

सेना की खार्तूम में वापसी को एक प्रतीकात्मक जीत के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन जब तक देश के विभिन्न हिस्सों में RSF का प्रभाव कायम है, तब तक पूर्ण नियंत्रण और स्थिरता एक चुनौती बनी रहेगी।

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