यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शुक्रवार को कहा कि उच्च विस्फोटकों से लैस एक रूसी ड्रोन ने रात के समय कीव स्थित चर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के बाहरी सुरक्षात्मक आवरण पर हमला किया।
जेलेंस्की और संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी ने कहा कि हालांकि हमले से विकिरण का स्तर नहीं बढ़ा है। वहीं रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने शुक्रवार को यूक्रेन के दावे नकार दिया।
उन्होंने कहा कि यूक्रेनी अधिकारियों ने हमले का दावा इसलिए किया क्योंकि वे वार्ता के माध्यम से युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों को विफल करना चाहते थे। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति समझौता करने को कहा है।
पेस्कोव ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि ऐसे लोग हैं (यूक्रेनी सरकार में) जो बातचीत की प्रक्रिया के किसी भी प्रयास का विरोध करना जारी रखेंगे और यह भी स्पष्ट है कि वे लोग इस प्रक्रिया को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश करेंगे।’’
उधर संयुक्त राष्ट्र परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने हमले के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया, हालांकि कहा कि घटनास्थल पर तैनात उसकी टीम ने विस्फोट की आवाज सुनी तथा उन्हें बताया गया कि एक ड्रोन ने बम गिराया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि ड्रोन हमले से सुरक्षा आवरण को नुकसान पहुंचा और वहां आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया है।
यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यह कहे जाने के दो दिन बाद हुआ कि वह युद्ध समाप्त कराने के लिए बातचीत के वास्ते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। ट्रंप के इस बयान से ऐसा संकेत मिलता है कि मानो पुतिन ही महत्वपूर्ण हैं और किसी भी शांति वार्ता में जेलेंस्की के साथ-साथ यूरोपीय सरकारों को भी दरकिनार किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि चर्नोबिल पर हमला स्थानीय समयानुसार देर रात 1:50 बजे हुआ। एजेंसी ने कहा कि आंतरिक कवच में नुकसान के कोई संकेत नहीं है।
आईएईए प्रमुख राफेल रॉसी ने ‘एक्स’ पर कहा कि चर्नोबिल हमला और जापोरिजिया परमाणु संयंत्र के पास सैन्य गतिविधि में हाल ही में वृद्धि ‘‘लगातार परमाणु सुरक्षा जोखिमों को रेखांकित करती है’’। उन्होंने कहा कि आईएईए पूरी तरह से चौकन्ना है।
आईएईए ने कहा, ‘‘ अंदर और बाहर विकिरण का स्तर सामान्य और स्थिर बना हुआ है।’’
वहीं जेलेंस्की ने ‘टेलीग्राम’ पर दावा किया कि चर्नोबिल हमले से पता चलता है कि ‘‘पुतिन वार्ता के लिए तैयार नहीं हैं’’।