चिकित्सीय परमार्थ संस्था एमएसएफ ने बताया कि हमले में दर्जनों अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह अस्पताल एक महत्वपूर्ण जीवनरेखा है और संघर्ष के दौरान इसमें अपनी क्षमता से अधिक लोग भर्ती हैं। उत्तरी प्रांत की राजधानी पर कई दिनों तक तालिबान का नियंत्रण रहा।
आज तड़के हुए हमले ने इमारत को आग की लपटों में ले लिया। डाॅक्टर्स विदाउट बाॅर्डर्स ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट की हैं जिसमें अस्पताल के कर्मचारी अचंभित दिख रहे हैं। संस्था ने कहा, स्थानीय समयानुसार तड़के दो बजकर 10 मिनट पर लगातार बमबारी के दौरान कुंडूज में एमएसएफ ट्रामा सेंटर पर कई बार बम बरसाए गए और अस्पताल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। संस्था ने कहा, 12 कर्मचारी और तीन बच्चों समेत कम से कम सात मरीजों की मौत हुई है और 37 लोग घायल हुए हैं। यह हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है।
संस्था का कहना है कि अमेरिकी और अफगान सैन्य अधिकारियों को पहली बार उन पर हमला किए जाने की जानकारी दिए जाने के 30 मिनट से अधिक समय बाद तक बमबारी जारी रही। वक्तव्य में कहा गया है, काबुल और वाशिंगटन समेत संघर्ष के सभी पक्षों को एमएसएफ अस्पताल के जीपीएस काॅर्डिनेट्स के बारे में साफ तौर पर जानकारी दी गई थी।
उधर, नाटो ने माना कि अमेरिकी बल हमले के पीछे हो सकते हैं लेकिन एमएसएफ के विशेष दावों पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। एमएसएफ ने अब तक सभी पक्षों के युद्ध में घायलों का इलाज किया है। हमले में नजदीकी चिकित्सा सुविधा पूरी तरह नष्ट हो गई हो सकती है। इस घटना की जांच की जा रही है।