अमेरिका ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 23 अगस्त की यूक्रेन यात्रा को “महत्वपूर्ण” बताया। यह यात्रा मोदी की रूस यात्रा के करीब छह सप्ताह बाद हो रही है। प्रबंधन एवं संसाधन के लिए अमेरिकी उप विदेश मंत्री रिचर्ड आर. वर्मा ने साथ ही कहा कि अमेरिका, रूस के साथ भारत के “दीर्घकालिक संबंध” को समझता है।
मोदी पोलैंड और यूक्रेन की अपनी दो देशों की यात्रा के तहत बुधवार को पोलैंड की राजधानी वारसॉ पहुंचे। प्रधानमंत्री शुक्रवार को लगभग सात घंटे कीव में रहेंगे। प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करने का कार्यक्रम है। यह बातचीत यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर केंद्रित होगी।
वर्मा ने दिल्ली में ‘सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस’ में एक संवाद सत्र में कहा, “मैं इस यात्रा से बहुत खुश हूं। मुझे लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण यात्रा है - पोलैंड और यूक्रेन।” बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की पिछली टिप्पणियों की सराहना करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है और यह शांति का समय है।’
वर्मा ने कहा, “हम समझते हैं कि रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंध हैं और भारत को स्वयं यह निर्णय लेना होगा कि वह इस पैमाने पर कहां खड़ा होना चाहता है।” भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके वर्मा ने कहा, “यह स्वतंत्रता, आजादी और कानून के शासन की रक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है।”
अमेरिका और उसके कई सहयोगी देश मोदी की 8-9 जुलाई की मॉस्को यात्रा के समय पर नाराज थे, क्योंकि यह उस वक्त हुई थी जब वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन हो रहा था। बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम पर वर्मा ने कहा कि अमेरिका उस देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है।
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों से वहां के लोगों के लिए स्थिति कठिन रही है। मैं सोशल मीडिया पर फैली गलत और भ्रामक सूचनाओं में नहीं पड़ना चाहता।” वर्मा उन आरोपों से संबंधित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि शेख हसीना की पिछली सरकार को अस्थिर करने में अमेरिका का हाथ था।
उन्होंने कहा, “हम इस परिवर्तन का समर्थन करेंगे।”