सउदी अरब में हज यात्रा शुरू होने से ठीक पहले शुक्रवार की शाम पवित्र मुस्लिम शहर मक्का की ग्रांड मस्जिद में निर्माण कार्य में लगी एक बड़ी क्रेन के गिरने की वजह से हुए हादसे में 107 लोगों की मौत हो गई और करीब 238 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में मरने वालों में दो भारतीय भी शामिल हैं और 15 के करीब घायल हुए हैं। हालांकि अभी मरने वालों की पूरी तरह शिनाख्त नहीं हो पाई है।
सउदी अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम की वजह से यह हादसा पेश आया। सउदी अरब की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने हादसे के एक घंटे पहले ही ट्वीट किया था कि मक्का में भारी बारिश हो रही है। सोशल मीडिया पर बिजली के साथ बारिश होने की तस्वीरें भी डाली गई थीं।
यह घटना ऐसे समय में घटी है जब इस महीने के आखिर में शुरू होने वाली हज यात्रा के लिए दुनियाभर से लाखों मुस्लिम एकत्रित हो रहे हैं। ग्रांड मस्जिद में आमतौर पर जुमे के दिन बहुत भीड़ रहती है। मस्जिद के क्षेत्र के विस्तार के लिए यहां बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। जिस वजह से यहां अनेक क्रेन मौजूद हैं।
मक्का की दो पवित्र मस्जिदों के प्रवक्ता अहमद बिन मोहम्मद अल मंसूरी के अनुसार स्थानीय समयानुसार शाम पांच बज कर दस मिनट पर तूफानी हवाओं और तेज बारिश की वजह से क्रेन का कुछ हिस्सा ध्वस्त हो कर मस्जिद की छत के एक हिस्से पर गिर गया जिससे छत का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर गिर गया। यह सब इतनी जल्दिबाजी में हुआ कि छत के नीचे मौजूद श्रद्धालुओं को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जिस वजह से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। ट्विटर पर डाली गई तस्वीरों में रक्तरंजित शव उस जगह पर पड़े नजर आ रहे हैं जहां क्रेन के आगे का हिस्सा बहुमंजिला इमारत पर गिरा।
मक्का स्थित इस्लामिक हैरिटेज रिसर्च फाउंडेशन के सह संस्थापक इरफान अल अलावी ने हादसे की तुलना किसी बम विस्फोट की घटना से करते हुए कहा कि प्राधिकारियों ने मस्जिद की अनदेखी कर कई क्रेन काम पर लगा रखी थीं इन्होंने धरोहर पर ध्यान ही नहीं दिया, स्वास्थ्य और सुरक्षा की परवाह नहीं की। पवित्र स्थल पर पुनर्निर्माण के धुर विरोधी अलावी ने कहा कि यह निर्माण पैगम्बर मोहम्मद से जोड़ने वाले संपर्कों को खत्म कर रहा है। ऑनलाइन कार्यकर्ताओं ने ट्विटर पर हैशटैग तैयार कर मक्का के लोगों से इलाके के अस्पताल में रक्तदान करने का आग्रह किया है।
मक्का में ग्रैंड मस्जिद के भाग का 400,000 वर्ग मीटर तक विस्तार करने के लिए व्यापक परियोजना चल रही है ताकि वहां एक बार में 22 लाख लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सके। पूर्व में हज के दौरान बाढ़, भगदड़ और आगजनी जैसी घटनाएं हुई थीं लेकिन हालिया वर्षों में यहां अरबों डॉलर के निवेश के चलते ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। जुमे के दिन तक हज के लिए करीब 800,000 जायरीन पहुंच चुके थे। पिछले साल 20 लाख से अधिक लोगों ने हज में हिस्सा लिया था। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में मुस्लिम सालाना हज के लिए यहां पहुंचते हैं। इस साल हज की शुरूआत 21 सितंबर से होगी।