शिया मौलवी निम्र अल-निम्र को मौत की सजा दिए जाने पर ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। ईरान एक शिया बहुल देश है और सुन्नी बहुल सऊदी अरब के कई कदमों का विरोध करता रहा है। ईरानी के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी अरब को चेतावनी देते हुए कहा कि उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। शिया नेता को मौत की सजा दिए जाने का ईरान और इराक में जबरदस्त विरोध हुआ है।
इरना समाचार एजेंसी के मुताबिक ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहाद में कल प्रदर्शनकारियों ने सऊदी वाणिज्य दूतावास को आग लगा दी। यह घटना सऊदी अरब में 56 वर्षीय धर्मगुरू निम्र अल-निम्र को मौत की सजा के एलान के कुछ घंटों बाद हुई। निम्र वर्ष 2011 से सऊदी अरब में सरकार विरोधी आंदोलन के प्रमुख नेता रहे। उन्हें मौत की सजा दिए जाने के बाद ईरान और इराक के शियाओं में काफी गुस्सा है।
सऊदी अरब में शिया मौलवी शेख निम्र अल-निम्र समेत 47 कैदियों को मौत की सजा दी गई है। प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद खातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का ख़ात्मा हो जाएगा। शिया नेता को मौत की सजा के खिलाफ बहरीन में भी विरोध प्रदर्शन हुआ और लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। लेबनान की शिया परिषद ने निम्र को मौत की सज़ा देने की निंदा करते हुए इसे बहुत बड़ी भूल कहा है।
सऊदी अरब की राजशाही की आलोचना करने के बाद साल 2012 में निम्र अल-निम्र को हिरासत में ले लिया गया था। उनके समर्थकों का दावा है कि निम्र अल निम्र ने कभी भी हिंसा की वकालत नहीं की। निम्र ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक ईरान में रहकर धर्मशास्त्र का अध्ययन किया था।