लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी ने कहा है कि वह बुधवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश लौटेंगे और अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। हरीरी ने सऊदी अरब में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषण करके लोगों को हैरत में ड़ाल दिया था और इसके साथ ही देश में राजनीतिक संकट गहरा गया था। हालांकि राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।
इस संकट को खत्म करने की कोशिश में लगे फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से शनिवार को पेरिस में बातचीत के बाद हरीरी ने कहा कि वह अपनी स्थिति के जानकारी बेरूत लौटने के बाद देंगे। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा,"जैसा कि आप जानते हैं कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और इस बारे में हम लेबनान में चर्चा करेंगे।"
उनका कहना था कि अगला कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें लेबनान के राष्ट्रपति मिचेल आउन से मिलने की जरूरत है। सऊदी अरब में चार नवंबर को उनके द्वारा अचानक इस्तीफे की घोषणा के बाद दो सप्ताह से लेबनान में इसको लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। हरीरी के लेबनान वापस लौटने में विफल रहने के बाद ऐसी अफवाह थी कि रियाद में उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध रखा जा रहा था। हालांकि सऊदी अरब के अधिकारियों और हरीरी ने खुद इसका खंडन किया था।
पेरिस जाने से पहले उन्होंने ट्विटर पोस्ट में कहा था,"यह कहा जाना कि सऊदी अरब में मुझे हिरासत में रखा गया था और मुझे वहां से जाने नहीं दिया जा रहा था, यह झूठ है।" प्रधानमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया,"हरीरी की पत्नी और उनके बड़े बेटे हुसम मैक्रों के साथ लंच करने के दौरान प्रधानमंत्री के साथ एलीसी पैलेस में मौजूद थे, लेकिन उनके दोनों छोटे बच्चे अपनी परीक्षा की वजह से सऊदी अरब में ही हैं।"
हरीरी के साथ हुए बैठक के बाद मैक्रों के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति लेबनान की स्थिरता के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। एलिसी पैलेस ने कहा,"हम क्षेत्र में तनाव कम करने में मदद कर रहे हैं।" हालांकि पैलेस ने यह नहीं बताया है कि हरीरी ने मैक्रों से अपने इस्तीफे की पुष्टि की है या नहीं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने अमेरिकी और मिस्र के अपने समकक्षों डोनाल्ड ट्रंप और अब्देल फतेह अल-सीसी सहित सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से भी इस मसले पर टेलीफोन पर चर्चा की।