चौतरफा दबाव और करीब दो हफ्ते तक इनकार करते रहने के बाद आखिरकार सऊदी अरब ने माना है कि लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो चुकी है। सऊदी अरब के अटॉर्नी जनरल के मुताबिक, शुरुआती जांच से पता चला है कि खशोगी की सऊदी अरब के इस्तांबुल स्थित वाणिज्यिक दूतावास में एक झड़प के बाद जान चली गई। हालांकि, अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अभी जांच चल रही है। इस मामले में सऊदी अरब के 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही डेप्युटी इंटेलिजेंस चीफ अहमद अल असीरी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के कानूनी सलाकार अल कथानी को बर्खास्त कर दिया गया है।
ट्रंप ने भी खशोगी पर मांगी थी रिपोर्ट
खशोगी दो अक्टूबर को वाणिज्य दूतावास में घुसने के बाद से नहीं देखे गए थे। तुर्की के अधिकारियों ने दावा किया था कि 15 सऊदी एजेंटों ने खशोगी की वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी और उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर डाले। जमाल खशोगी सऊदी अरब के रहने वाले थे और वाशिंगटन पोस्ट में लेख लिखते थे। खशोगी को आखिरी बार सऊदी अरब के इस्तांबुल स्थित वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करते हुए 2 अक्टूबर को देखा गया था। शुरुआत से ही तुर्की के अधिकारी दावा करते रहे हैं कि खशोगी की हत्या कर दी गई।
इस मामले में अमेरिका ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पत्रकार जमाल खशोगी के रहस्यमय परिस्थितियों में लापता होने के संबंध में पूरी रिपोर्ट मांगी थी।