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आरईसी ने 60.536 अरब जेपीवाई के लिए सैस-कवर्ड हरित ऋण सुविधा का लाभ उठाया

भारत में सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी कंपनी,...
आरईसी ने 60.536 अरब जेपीवाई के लिए सैस-कवर्ड हरित ऋण सुविधा का लाभ उठाया

भारत में सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए, भारतीय बिजली क्षेत्र में अग्रणी कंपनी, आरईसी लिमिटेड ने भारत में योग्य हरित परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए 60.536 बिलियन जेपीवाई के लिए सैस-कवर्ड हरित ऋण का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है। यह रणनीतिक निवेश कंपनी के ग्रीन फाइनेंस फ्रेमवर्क के अनुरूप, सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए आरईसी की प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करता है।

हरित सुविधा को इटालियन एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी, सैस (इटली) द्वारा उनके अभिनव पुश रणनीति कार्यक्रम के तहत 80% गारंटी से लाभ मिलता है। यह भारत सरकार की इकाई और सैस के बीच एक महत्वपूर्ण और अपनी तरह का पहला सफल सहयोग है। यह सुविधा भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के परिदृश्य में समान हरित वित्तपोषण लेन-देन के लिए एक मानक स्थापित करते हुए, टिकाऊ वित्तपोषण के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को उजागर करती है। यह सुविधा सैस के पहले जेपीवाई-मूल्यवर्ग वाले ऋण लेन-देन और भारत में पहले हरित ऋण लेन-देन को भी चिह्नित करती है।

हरित ऋण में एशिया, अमेरिका और यूरोप के बैंकों की ऋण भागीदारी है, जिसमें क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट और इन्वेस्टमेंट बैंक, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीबैंक, केएफडब्ल्यू-आईपीईएक्स बैंक और सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन अधिदेशित अग्रणी व्यवस्थाकर्ता के रूप में क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट और इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ ईसीए समन्वयक, ग्रीन लोन समन्वयक, दस्तावेज़ीकरण बैंक और सुविधा एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं।

यह सुविधा कठोर पर्यावरण मानकों के अनुरूप, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली और पूरे भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में योगदान देने वाली परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए आरईसी लिमिटेड और उसके भागीदारों के समर्पण को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, यह हरित वित्तपोषण की दिशा में बढ़ती गति और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए हितधारकों के सामूहिक प्रयासों को भी दर्शाती है।

इस मौके पर, श्री विवेक कुमार देवांगन, आईएएस, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, आरईसी ने कहा, “इस वास्तविक वैश्विक सुविधा में सफल लेन-देन से इस तरह के और अधिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है, जिससे हरित ऊर्जा में भारत-इतालवी व्यापार संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा। वित्तपोषण और टिकाऊ परियोजनाओं की क्षमताओं के साथ-साथ भारत में सतत विकास परियोजनाओं के लिए वैश्विक समुदाय का समर्थन भी बढ़ेगा”

श्री गौतम भंसाली, भारत और दक्षिण एशिया सैस प्रमुख ने कहा, “सैस को इस 'ग्रीन पुश स्ट्रैटेजी' लेन-देन के लिए आरईसी के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, जो भारत में निष्पादित एक अभिनव और अपनी तरह की पहली संरचना है। इस सुविधा के माध्यम से, सैस भारत में टिकाऊ दीर्घकालिक विकास को सक्षम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा, हरित गतिशीलता और ऊर्जा दक्षता में परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री फ्रैंक पासिलियर, क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक, भारत के वरिष्ठ कंट्री ऑफिसर ने कहा, “यह लेन-देन क्रेडिट एग्रीकोल कॉरपोरेट एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के प्रति अटूट समर्पण का उदाहरण देता है, जो वैश्विक टिकाऊ वित्त में हमारे बैंक की अग्रणी स्थिति के अनुरूप है। एक दशक से भी ज्यादा. आरईसी के साथ हमारा रणनीतिक सहयोग पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार पहलों को आगे बढ़ाने और भारत के आशाजनक बाजार के भीतर स्थायी वित्तपोषण के विकास को बढ़ावा देने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत एक 'महारत्न' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश में सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया, 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से आरईसी को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये का होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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