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सुनीता जैन को व्यास सम्मान

एक गरिमामय समारोह में डॉ. सुनीता जैन को उनकी कृति क्षमा के लिए 25वां व्यास सम्मान प्रदान किया गया। डॉ. जैन ने क्षमा के माध्यम से तुलसीदास-रत्नावली के संबंधों का मार्मिक वर्णन किया है।
सुनीता जैन को व्यास सम्मान

के के बिरला फाउंडेशन की ओर से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने, साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्वनाथ तिवारी, डॉ. सुरेश ऋतुपर्ण की उपस्थिति में डॉ. सुनीता जैन को व्यास सम्मान प्रदान किया।

डॉ. तिवारी ने कहा, जब मैंने इसे पहली बार पढ़ा तभी मेरे मन में पहली प्रतिक्रिया उभरी कि यह भावों से भरी कृति है। और जो पहली प्रतिक्रिया होती है वही सच्ची होती है। इस पुस्तक में मानव मूल्य हैं। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा, यह जनचेतना, विद्रोह और पति-पत्नी के संबंधों की प्रगाढ़ता को असाधारण शैली के वर्णित करती है।  

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