व्यंग के भीष्म पितामह हरिशंकर परसाई: समाज के ठेकेदारों को हजम नहीं होती थीं पाखंड पर करारी चोट पद्मश्री हरिशंकर परसाई जी, हिंदी साहित्य में व्यंग्य को सर्वथा अलग विधा का दर्जा और उत्कृष्ट मुकाम... AUG 22 , 2021
इस्मत चुगताई- बिंदास, बोल्ड और नारीवादी अफसानानिगार इस्मत चुगताई, उर्दू साहित्य की ऐसी सशक्त, बेबाक, प्रबुद्ध, बिंदास, बोल्ड और नारीवादी... AUG 21 , 2021
स्मृति: जल रही शिलूका कोई वह जितनी डोगरी की लेखिका थीं, उतनी ही हिंदी की भी थीं। अलबत्ता, हिंदी वाले उन्हें अपनी ही भाषा की लेखिका... AUG 14 , 2021
विवादों के कारण नामवर की जीवनी प्रकाशकों ने वापस ली हिंदी के युवा आलोचक अंकित नरवाल ने अपने प्रयासों से नामवर जी की जीवनी ‘अनल पाखी’ लिख डाली। वे पिछले... JUL 23 , 2021
शहरनामा: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बसी ‘रंगीली-गेवाड़ घाटी’ यानी अपना प्यारा चौखुटिया “देव-भूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में बसी ‘रंगीली-गेवाड़ घाटी’ यानी अपना प्यारा... JUL 18 , 2021
शहरनामा: कानपुर में कभी कोई अकेला नहीं महसूस करता “कानपुर में कभी कोई अकेला नहीं महसूस नहीं करता” करामाती कान्हापुर उत्तर प्रदेश के कानपुर का कभी... JUL 04 , 2021
पुस्तक समीक्षाः किसी कपोल कल्पित फिल्म का संसार पानी की दुनिया रॉइन रागा-रिझ्झम रागा प्रकाशक कलामोस प्रकाशन कीमतः 175 रुपये पृष्ठः 122 ‘‘अपने... JUN 29 , 2021
शहरनामा/ भोपाल: मोहब्बत की चाशनी में डूबा शहर “भोपाल की बुनियाद में शामिल है दोस्ती और भाईचारे का जज्बा” नवाबी ठाठ, ठसक और फकीराना सादगी का... JUN 20 , 2021
शहरनामा : गया नहीं, गयाजी कहिए! “इकलौता शहर, जिसके नाम के साथ आदर से ‘जी’ लगाने का चलन है। गयासुर के नाम पर बसा यह नगर कभी बिहार हुआ... JUN 06 , 2021
स्मृति : सूना-सूना-सा संस्कृति का आंगन “महामारी की दूसरी लहर और व्यवस्था की भारी नाकामी ने सांस्कृतिक क्षेत्र को ऐसी क्षति पहुंचाई, जिसकी... MAY 29 , 2021